नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज बताया कि एप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स ऐंड मैन्युफैक्चरिंग (एएलएमएम) का शीघ्र विस्तार इनगोट और पॉलिसिलिकन तक किया जाएगा। सरकार ने सोलर मोड्यूल के घरेलू उत्पादन व इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एएलएमएम को मंजूरी दी थी।
जोशी ने राज्य नवीकरणीय ऊर्जा की राज्य समीक्षा बैठक में कहा था, ‘हम एएलएमएम के तहत 100 गीगावॉट स्वदेशी मोड्यूल विनिर्माण की क्षमता को हासिल कर चुके हैं। अब हमने ऐसी ही योजना स्वदेशी सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन के लिए बनानी शुरू कर दी है।’
उन्होंने बताया कि सरकार ने 24,000 करोड़ रुपये से सोलर मोड्यूल के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) शुरू की थी। इस योजना के तहत अभी तक 50,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है। इससे देश की मोड्यूल विनिर्माण क्षमता 100 गीगावॉट के स्तर को पहले ही पार कर चुकी है।
जोशी ने बताया, ‘हमारी कुल सौर ऊर्जा उपकरण विनिर्माण क्षमता वर्ष 2013 में 2.4 गीगावॉट थी। अभी यह 130 गीगावॉट है। इसी तरह पवन ऊर्जा की क्षमता 21 गीगावॉट से बढ़कर 52 गीगावॉट हो गई है। मैंने हाल ही में पवन ऊर्जा डेवलपर्स के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। हमें यह आश्वासन दिया गया है कि क्षमता सृजन के मुद्दों को हल किया जाएगा।’
उन्होंने बताया कि देश ने गैर जीवाश्म ईंधन से बिजली बनाने की 250 गीगावॉट की क्षमता स्थापित की है और सरकार अगले पांच वर्षों में 50 गीगावॉट की अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।