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Google लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदा

गूगल यूट्यूब पर ऐसा फीचर ला रहा है, जिससे विज्ञापनदाता पहली बार शहरी और ग्रामीण दर्शकों को अलग-अलग विज्ञापन दिखा सकेंगे

Last Updated- September 11, 2025 | 11:01 PM IST
Google
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

गूगल पहली बार विज्ञापनदाताओं के लिए एक खास फीचर पेश करने वाली है। गूगल इंडिया की ब्रांड सॉल्यूशंस प्रमुख शुभा पई ने बताया कि कंपनी अपने वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब के जरिये अपने विज्ञापनदाताओं के लिए शहरी और ग्रामीण दर्शकों को अलग-अलग साधने के लिए नया फीचर लाने जा रही है।

शुभा ने कहा, ‘ऐसा पहली बार होगा जब विज्ञापनदाता यूट्यूब पर ग्रामीण और शहरी दर्शकों को अलग-अलग साध सकते हैं। यह एक ऐसा फीचर है, जो फिलहाल टेलीविजन अथवा ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर मौजूद नहीं है। यह खास तौर पर भारत के लिए तैयार किया गया है, जो विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के जीवंत उपभोक्ता आधार को दर्शाता है। इससे ब्रांड भी इस खास उपभोक्ता वर्ग के लिए उसी अनुरूप रणनीतियां बना सकेंगे। यह उपभोक्ता व्यवहार, सांस्कृतिक प्राथमिकताओं और क्रय शक्ति के बारे में बताता है, जिसके लिए अक्सर शहरी और और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए अलग-अलग मार्केटिंग दृष्टिकोण की जरूरत होती है।’ यह अभी पायलट परियोजना के तौर पर चल रही है। कंपनी की यह कवायद इस साल जून तक भारत में यूट्यूब शॉर्ट्स के 65 करोड़ से अधिक दर्शकों तक पहुंचने के बाद आया है। प्लेटफॉर्म द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, यूट्यूब सीटीवी पर 50 फीसदी से अधिक देखने का वक्त 21 मिनट अथवा उससे अधिक समय वाले कंटेंट हैं।

शुभा ने कहा, ‘यूट्यूब एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां दर्शक शॉर्ट्स को बड़ी स्क्रीन के साथ-साथ मोबाइल पर भी देख सकते हैं। भारत में सीटीवी पर शॉर्ट्स के दर्शकों की संख्या हर साल दोगुनी हो रही है, जो इसे खास बनाती है। जब ब्रांड एक ही फॉर्मेट पर निर्भर रहने के बजाय मल्टी फॉर्मेट यूट्यूब रणनीतियां अपनाते हैं तो उनकी लागत में बचत होती है, पहुंच बढ़ता है और कन्वर्जन में भी उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलता है।’

साथ ही, गूगल एडवरटाइजिंग के तहत यूट्यूब एक नया क्रिएटर पार्टनरशिप हब भी पेश कर सकता है। इस नए हब के साथ विज्ञापनदाता आसानी नए संबंधों को प्रगाढ़ कर सकते हैं, नए क्रिएटर खोज सकते हैं और साझेदारी वाले विज्ञापनों के जरिये प्रमाणिक क्रिएटर कंटेंट को अपनी विज्ञापन रणनीतियों में शामिल कर सकते हैं। पई ने कहा कि क्रिएटर के साथ साझेदारी के जरिये बनाए जाने वाले विज्ञापन अब सही मायने में कारोबारी परिणाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मिंत्रा को अपने बिग फैशन फेस्टिवल इवेंट के दौरान 20 फीसदी ऑर्डर क्रिएटर वाले यूट्यूब विज्ञापन से मिले।

इसके अलावा, यूट्यूब अगले साल एक नया फीचर पीक प्वाइंट्स भी पेश करने जा रहा है, जिसे जेमिनी की मदद से तैयार किया गया है। यह ब्रांडों को यूट्यूब के लोकप्रिय कंटेंट में सबसे सार्थक क्षणों की पहचान करने में मदद करेगा, जहां दर्शक सबसे ज्यादा जुड़े हैं। इस साल की शुरुआत में यूट्यूब ने शॉपेबल सीटीवी (कनेक्टेड टीवी) विज्ञापन जैसे फीचर पेश किया था, जो दर्शकों को क्यूआर कोड और सेड-टु-फोन विकल्पों के जरिये सीधे बड़ी स्क्रीन पर उत्पादों को देखने और तलाशने की सुविधा देते हैं।

मोबाइल पर यूट्यूब ने नए उत्पादों की पेशकश को हाइलाइट करने के लिए इमर्सिव मास्टहेड पेश किया था। यूट्यूब उपभोक्ता की खोज और स्क्रॉलिंग से लेकर स्ट्रीमिंग और शॉपिंग तक की यात्रा को कवर करता है, जिसका उपयोग वह अधिक सुविधाओं को नया रूप देने और अपने प्लेटफॉर्म पर अधिक विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने के लिए कर रहा है।

पई ने समझाया कि यह ब्रांडों द्वारा पहले यूट्यूब रणनीतियों की ओर बढ़ने और यूट्यूब शॉर्ट्स, सीटीवी और एआई आधारित मांग निर्माण जैसे प्रारूपों के बाद है ताकि उनके विज्ञापन पर मजबूत परिणाम हासिल हो सके। भारत में 18 साल से अधिक उम्र के औसत ऑनलाइन वयस्क रोजाना 72 मिनट से अधिक यूट्यूब देखते हैं। इस साल अप्रैल तक यूट्यूब सीटीवी ने भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 7.5 करोड़ लोगों तक पहुंच बनाई।

First Published - September 11, 2025 | 10:48 PM IST

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