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बढ़ती पावर डिमांड में 2030 तक 20 फीसदी हो सकती है AI की हिस्सेदारी: रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 से 2030 के बीच भारत में बिजली की मांग में करीब 817 लाख करोड़ यूनिट (twh) की बढ़ोतरी हो सकती है।

Last Updated- December 22, 2025 | 11:27 AM IST
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने वाले वर्षों में भारत में बिजली की मांग को तेजी से बढ़ाएगा। इंडियन कैपिटल मैनेजमेंट की एक रिपोर्ट का कहना है कि 2025 से 2030 के बीच बिजली की बढ़ी हुई मांग का करीब 20 फीसदी हिस्सा AI से जुड़ी गतिविधियों से आएगा। इसमें ज्यादातर बिजली की खपत डेटा सेंटर्स की डिमांड से आएगी। इंडियन कैपिटल मैनेजमेंट अमेरिका की निवेश कंपनी India Capital Management LLC का हिस्सा है।

बिजली की मांग में बड़ा उछाल

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 से 2030 के बीच भारत में बिजली की मांग में करीब 817 लाख करोड़ यूनिट (twh) की बढ़ोतरी हो सकती है। यह अनुमान पहले लगाए गए 2023 के अनुमान से ज्यादा है, जिसमें 2030 तक मांग में 661 twh बढ़ोतरी का अनुमान था।

रिपोर्ट बताती है कि इस अवधि में भारत की बिजली की अतिरिक्त मांग, अमेरिका से 32 फीसदी ज्यादा होगी, और यूरोपीय संघ (EU) के मुकाबले कई गुना अधिक होगी। यह तब है, जब अमेरिका और यूरोप में भी बिजली की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।

डेटा सेंटर्स बनेंगे बड़ी वजह

रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली की मांग बढ़ने की सबसे बड़ी वजह डेटा सेंटर्स का तेजी से बढ़ना है। खासतौर पर हाल के हफ्तों में Google, Microsoft और Amazon की ओर से भारत में बड़े निवेश की घोषणाओं ने इस रुझान को और मजबूत किया है।

भारत में डेटा सेंटर्स की क्षमता 2025 से 2030 के बीच पांच गुना बढ़कर 1,668 मेगावॉट से 8,120 मेगावॉट तक पहुंच सकती है। वहीं, इसी दौरान अमेरिका में डेटा क्षमता में करीब तीन गुना बढ़ोतरी का अनुमान है।

भारत में डेटा की खपत क्यों बढ़ रही है?

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में डेटा की मांग कई वजहों से बढ़ रही है। देश में इंटरनेट और मोबाइल यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। डिजिटल लेन-देन में जबरदस्त इजाफा हुआ है। भारत अब दुनिया में कुल डेटा खपत का करीब 20 फीसदी हिस्सा इस्तेमाल करता है। इसके अलावा, भारत अमेरिका के बाद ChatGPT का सबसे बड़ा यूजर बेस बन चुका है, जहां वैश्विक यूजर्स में भारत की हिस्सेदारी करीब 8 फीसदी है।

रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में डिजिटलीकरण और क्लाउड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। सरकार की नीतियों ने डेटा लोकलाइजेशन और देश में ही डेटा स्टोरेज को बढ़ावा दिया है। नेटवर्क की गति बेहतर करने के लिए हाइपरस्केल और एज डेटा सेंटर्स का विस्तार हो रहा है। इसके अलावा, कम लागत और रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती क्षमता की वजह से भारत डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज का एक बड़ा वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है।

टेक कंपनियों के बड़े निवेश

रिपोर्ट में बताया गया है कि बड़ी टेक कंपनियां भारत में भारी निवेश कर रही हैं। गूगल ने भारत में डेटा सेंटर हब बनाने के लिए 15 अरब डॉलर निवेश की घोषणा की है, जो अमेरिका के बाहर उसका सबसे बड़ा निवेश होगा। अमेजन ने 35 अरब डॉलर निवेश करने की बात कही है, जिसमें AI से जुड़ी परियोजनाएं भी शामिल हैं। माइक्रोसॉफ्ट ने भी भारत में 17.5 अरब डॉलर निवेश का वादा किया है।

रिपोर्ट का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में, पिछले पांच वर्षों की तुलना में पूंजी निवेश (Capex) ढाई गुना बढ़ेगा। इस दौरान 450 से 500 अरब डॉलर तक के फाइनेंसिंग अवसर खासतौर पर बिजली, डेटा सेंटर्स और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े क्षेत्रों में बन सकते हैं।

First Published - December 22, 2025 | 11:27 AM IST

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