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एकीकृत लॉजिस्टिक योजना बनेगी

Last Updated- December 12, 2022 | 10:47 AM IST

उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग क्षेत्र में आ रहे निवेश से उत्साहित राजय सरकार उद्योगों के लिए मजबूत आपूर्ति शृंखला विकास की योजना बनाएगी। प्रदेश सरकार ने उद्योगों के लिए खास तौर पर एकीकृत लॉजिस्टिक्स योजना तैयार करने का एलान किया है। गौरतलब है कि प्रदेश में नई नीति बनाने के बाद से वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। प्रदेश सरकार को इस क्षेत्र में अब तक लगभग 438 करोड़ रुपये के कुल छह निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
सरकार ने अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास,  आलोक कुमार को लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के विकास के लिए राज्यस्तरीय एकीकृत लॉजिस्टिक्स योजना तैयार करने को नोडल अधिकारी नामित किया है। उद्योगों की सुविधा के लिए आपूर्ति शृंखला और भंडारण सुविधाओं के विकास के लिए आलोक कुमार की अध्यक्षता में गठित होने वाला राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स प्रकोष्ठ भारत सरकार के लॉजिस्टिक्स अनुभाग से समन्‍वय स्थापित करते हुए काम करेगा। राज्य सरकार के अन्य संबंधित विभाग जैसे नियोजन, परिवहन, नागरिक उड्डयन, राजस्व, लोक निर्माण, निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, यू.पी. एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) आदि उक्त प्रकोष्‍ठ के प्रमुख सदस्य होंगे और केंद्रीय एजेंसियों जैसे – भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) आदि के नोडल अधिकारी प्रकोष्‍ठ में विशेष आमंत्रित होंगे।
लॉजिस्टिकस योजना की प्रगति और कार्यान्वयन की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्यस्तरीय लॉजिस्टिक्स समन्वय समिति का गठन भी किया जाएगा। इस बारे में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण और कोविड-19 महामारी के दौरान आपूर्ति शृंखला में आई दिक्कतों को देखते हुए इस प्रकार की एकीकृत योजना से प्रदेश में लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति शृंखला विकास के लिए ठीक प्रकार से और केंद्रित कार्यवाही सुनिश्चित हो सकेगी।
आलोक कुमार ने बताया कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने के बाद से इस क्ष्‍ोत्र के लिए भूमि की लागत में काफी कमी आई है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने पहले ही इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई नए प्रावधान किए हैं। इसके चलते वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित हो रहा है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2018 में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के प्रोत्साहन के लिए राज्य की नीति घोषित की थी। इसके अलावा हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को कम लागत और कम परिवर्तन शुल्क पर भूमि उपलब्ध कराने के लिए राज्य की भू-उपयोग नीति में संशोधन किया है। इसके अलावा लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने के लिए पात्रता सीमा को 50 एकड़ से घटाकर 25 एकड़ कर दिया गया है।

First Published - December 20, 2020 | 11:20 PM IST

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