महाराष्ट्र सरकार की मुंबई मेट्रो परियोजना विकास के लिए कोई आगे आने को तैयार नहीं दिख रही है। चारकोप-बांद्रा-मांखुड़ के बीच बनने वाली इस मेट्रो की दूसरी लाइन के विकास के लिए अब तक किसी पक्ष ने बोली जमा नहीं कराई है।
इस परियोजना के विकास पर 6,200 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है। हालांकि अब तक किसी कंपनी ने औपचारिक तौर पर यह घोषणा नहीं की है वे इस परियोजना के लिए वित्तीय बोली प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
केवल रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ही अब तक औपचारिक रूप से यह कहा है कि वह इस प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेगी। इस परियोजना के लिए कुल सात समूहों को चुना गया था जिसमें अनिल अंबानी की रिलायंस एनर्जी भी शामिल है।
मुंबई मेट्रोपोलियन रीजनल डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) के प्रवक्ता ने बताया कि कुठ बोलीकर्ताओं ने बोली जमा करने की अवधि एक महीने बढ़ाने की मांग की है और हम इस पर विचार करेंगे।
राज्य के शहरी विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अगर इसका परिचालन बिल्ड- ऑपरेट- ट्रांसफर मॉडल के आधार पर होता है तो केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए वाएबिलिटी गैप फंडिंग के रूप में 1,532 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।’
हालांकि इस परियोजना के भविष्य पर इस महीने 17 तारीख को होने वाली मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिक रण की कार्यकारी समिति की बैठक में फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुमकिन है आर्थिक मंदी के कारण कंपनियां इस परियोजना के लिए बोली नहीं लगा रही हैं।
मंत्रालय के एक और अधिकारी ने बताया कि ऐसा लगता है कि कुछ समूहों के भागीदारों की आपस में नहीं बन रही है। हालांकि उन्होंने ऐसे किसी भी समूह के बारे में कु छ भी कहने से साफ इनकार कर दिया।