facebookmetapixel
चेन्नई में अगली पीढ़ी का इंजन बनाएगी फोर्ड, 2029 से शुरू होगा उत्पादनBFSI Insight Summit 2025: जिम्मेदार टेक्नोलॉजी, मजबूत बाजार और निवेश में संतुलन पर जोरगुणवत्ता से भरी वृद्धि के दौर में आ रहा ब्रोकिंग: शीर्ष अधिकारीनिचले स्तर पर भारतीय बाजार, बनाए रखें निवेश: मार्केट एक्सपर्ट्सइक्विटी सबसे दीर्घावधि ऐसेट क्लास, इसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण की जरूरत : देसाईबाजार अब संतुलित दौर में, निवेशकों को जल्दबाजी से बचना चाहिए; BFSI समिट में बोले शीर्ष फंड मैनेजरडिजिटल लेनदेन से अगले दौर की वृद्धि, उद्योग के दिग्गजनिवेशकों की जागरूकता जरूरी: अनंत नारायणजिम्मेदारी संग तकनीक के इस्तेमाल पर बाजार नियामक का जोर: सेबी चीफअचानक बंद नहीं हो सकते डेरिवेटिव: सेबी चेयरमैन पांडेय

भारत का एमकैप 5 ट्रिलियन डॉलर, शेयर बाजार ने छह महीने से भी कम समय में हासिल की उपलब्धि

भारत इस उपलब्धि के साथ ही अमेरिका, चीन और जापान जैसे 5 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण वाले दुनिया के दिग्गज बाजारों में शामिल हो गया है।

Last Updated- May 22, 2024 | 6:13 AM IST
Drop in Block deal: Decrease in wholesale deals due to market decline, falling to 6 month low in November बाजार में गिरावट से थोक सौदों में आई कमी, नवंबर में 6 महीने के निचले स्तर पर आया

BSE MCap: भारत का बाजार पूंजीकरण आज 5 लाख करोड़ डॉलर के स्तर को छू गया। देसी बाजारों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छह महीने से भी कम समय में बाजार पूंजीकरण में 1 लाख करोड़ डॉलर जोड़े हैं। भारत इस उपलब्धि के साथ ही अमेरिका, चीन और जापान जैसे 5 लाख करोड़ डॉलर बाजार पूंजीकरण वाले दुनिया के दिग्गज बाजारों में शामिल हो गया है।

हालांकि बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर बंद भाव के अनुसार, भारत का बाजार पूंजीकरण (बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार मूल्य) 4.97 लाख करोड़ डॉलर यानी 414.6 लाख करोड़ रुपये रहा। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 4.93 लाख करोड़ डॉलर यानी करीब 411 लाख करोड़ रुपये हो गया।

NSE अपेक्षाकृत बड़ा एक्सचेंज है, मगर उस पर कुछ ही कंपनियां सूचीबद्ध हैं। भारत का बाजार पूंजीकरण मार्च 2023 के अपने निचले स्तर के मुकाबले 60 फीसदी से अधिक बढ़ चुका है जो अधिकतर प्रमुख बाजारों के मुकाबले अधिक है। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों के शानदार प्रदर्शन से बाजार पूंजीकरण को बल मिला।

भारत का बाजार पूंजीकरण बनाम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात (12 महीनों के जीडीपी के आधार पर) बढ़कर 154 फीसदी हो गया। नवंबर 2023 में यह अनुपात 120 फीसदी रहा था जब देश का बाजार पूंजीकरण पहली बाजर 4 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा था।

भारत का बाजार पूंजीकरण जब 50 करोड़ डॉलर, 1 लाख करोड़ डॉलर और 2 लाख करोड़ डॉलर के स्तर पर पहुंचा था तो बाजार पूंजीकरण बनाम जीडीपी (mcap vs GDP) अनुपात 100 के दायरे में रहा था जिसे उचित मूल्य समझा जाता है।

हाल के वर्षों में सूचीबद्ध कई बड़ी कंपनियों ने भी भारत के बाजार पूंजीकरण को रफ्तार दी है। उदाहरण के लिए, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) करीब दो साल पहले सूचीबद्ध हुई थी और उसका बाजार बाजार पूंजीकरण अब करीब 78 अरब डॉलर है।

इसके अलावा सभी सार्वजनिक उपक्रमों के बाजार पूंजीकरण में भी पिछले एक साल के दौरान जबरदस्त उछाल दर्ज की गई है। इसी प्रकार भारत की करीब 100 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण अब 10 अरब डॉलर से अधिक है जबकि कोविड से पहले यह आंकड़ा महज 30 कंपनियों का था। इसके मुकाबले चीन में ऐसी कंपनियों की संख्या 130 से अधिक है जबकि उसका बाजार पूंजीकरण भारत के मुकाबले लगभग दोगुना है।

भारत के बाजार पूंजीकरण में शानदार वृद्धि ने वैश्विक मंच पर उसका प्रभाव भी बढ़ा दिया है। इससे विदेशी निवेशकों, विशेष तौर पर एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये निवेश करने वालों से अधिक निवेश हासिल करने में मदद मिली है। भारत अब MSCI EM सूचकांक पर चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। उसका भारांश (वेटेज) अब करीब 19 फीसदी हो चुका है जो 2018 में महज 8.2 फीसदी था।

First Published - May 21, 2024 | 10:34 PM IST

संबंधित पोस्ट