India industrial production March 2025: भारत में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में मार्च 2025 में फिर से रफ्तार देखने को मिली। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में पिछले साल की तुलना में 3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। ये फरवरी के 2.9 फीसदी के छह महीने के सबसे निचले स्तर से थोड़ा बेहतर है। मगर, पिछले साल मार्च में जो 5.5 फीसदी की जोरदार उछाल थी, उससे ये कम है। मार्च 2025 में IIP 164.8 अंक पर पहुंचा, जो पिछले साल के 160.0 अंक से ज्यादा है।
सेक्टर की बात करें तो फैक्ट्रियों, बिजली उत्पादन और खनन में अलग-अलग रुझान दिखे। फैक्ट्रियां, जो IIP में सबसे बड़ा हिस्सा रखती हैं, 3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ीं। यह फरवरी के 2.9 फीसदी से जरा सा बेहतर है। बिजली उत्पादन ने 6.3 फीसदी की शानदार छलांग लगाई, जो फरवरी के 3.6 फीसदी से कहीं ज्यादा है। लेकिन खनन में बस 0.4 फीसदी की मामूली बढ़त हुई, जो फरवरी के 1.6 फीसदी से कम है।
फैक्ट्रियों के अंदर की बात करें तो 23 में से 13 इंडस्ट्री ग्रुप्स ने अच्छा प्रदर्शन किया। इलेक्ट्रिकल उपकरण बनाने वाली फैक्ट्रियों ने 15.7 फीसदी की धमाकेदार बढ़त हासिल की, जो सबसे टॉप पर रहा। इसके बाद गाड़ियां, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर बनाने वालों ने 10.3 फीसदी और बेसिक मेटल्स में 6.9 फीसदी की बढ़त दिखाई। इन्फ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन सामान 8.8 फीसदी, प्राइमरी गुड्स 3.1 फीसदी और टिकाऊ सामान जैसे फ्रिज, टीवी वगैरह 6.6 फीसदी बढ़े। मगर, रोजमर्रा की चीजें जैसे साबुन, तेल वगैरह बनाने वाली इंडस्ट्री 4.7 फीसदी नीचे गिरी, जो चिंता की बात है।
पूरा वित्त वर्ष 2024-25 देखें तो IIP की बढ़त 4 फीसदी रही, जो पिछले साल के 5.9 फीसदी से कम है। ये धीमापन दुनिया की आर्थिक उथल-पुथल और देश में मांग के उतार-चढ़ाव की वजह से हो सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार की नीतियां और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश आगे फैक्ट्रियों को और रफ्तार दे सकता है।