बस्तर के आदिवासी कलाकारों द्वारा बनाई जाने वाली धातुओं की उत्कृष्ट कलाकृतियों और अद्वितीय हस्तशिल्पों को हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीटयूट्स ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) ने पेटेंट प्रोटेक्शन दिया है।
देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब राज्य में तैयार की जाने वाली धातुओं की कलाकृति और हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है यानी संरक्षण पेटेंट दिया गया है। बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘बस्तर की धातु कलाकृति और हस्तशिल्प के लिए निफ्ट ने पेटेंट पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया है।
यह प्रमाणपत्र छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड को जारी किया गया है, जिन्होंने पेटेंट के लिए आवेदन भरा था।’ सिंह ने बताया, ‘यहां की कलाकृतियों और हस्तशिल्प को पेटेंट दिए जाने से स्थानीय कारीगरों की कला को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहतर कीमत मिलेगी।’
बहरहाल, छत्तीसगढ़ सरकार इस बात के लिए पूरी तरह प्रयासरत है कि राज्य के हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जाए। इस राज्य के आदिवासी समाज अपनी कार्यकुशलता के लिए काफी मशहूर हैं। केंद्र सरकार के साथ एक समझौते पर छत्तीसगढ़ सरकार, बस्तर जिला पंचायत और कारीगरों की सहमति बनी है, जिसके तहत हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए बस्तर जिले में छह रूरल बिजनेस हब की स्थापना की जाएगी।