मुंबई में हुए आतंकी हमलों के बाद अगर कोई तेजी से पैर पसार रहा है तो वह है निजी सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षा गार्डों का कारोबार। इन हमलों के बाद से ही सुरक्षा गार्डों की मांग 15 से 20 फीसदी बढ़ गई है।
सबसे अधिक मांग बंदूकधारी गार्डों की है और उनकी मांग बढ़ने के साथ-साथ उनके वेतन में भी 100 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इन गार्डों से इतर दूसरे गार्डों की मांग नहीं बढ़ी है।
शहर में गत वर्ष 26 नवंबर को हुए आतंकी हमले के बाद महाराष्ट्र के सभी अस्पतालों, सिनेमाघरों, शॉपिंग मॉल और कॉर्पोरेट दफ्तरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने की जरूरत समझी जाने लगी है।
राज्य में पुलिस बल की कमी को देखते हुए लोग निजी सुरक्षा एजेंसियों से सुरक्षा ले रहे हैं। निजी सुरक्षा गार्डों की मांग बढ़ने की यह सबसे बड़ी वजह है। आतंकी हमले के पहले जहां एक बंदूकधारी सुरक्षा गार्ड को हर महीने औसतन 8,000 रुपये मिलते थे, वहीं अब उनकी तनख्वाह बढ़कर 15,000 रुपये हो गई है।
रिवॉल्वर रखने वाले सुरक्षा गार्डों की तनख्वाह सबसे ज्यादा बढ़ी है। आतंकी हमले के पहले तक रिवॉल्वर रखने वाले सुरक्षा गार्ड को 12,000 रुपये से 15,000 रुपये मासिक मिलते थे, जबकि इस समय 25,000 रुपये से 30,000 रुपये पर भी ऐसे गार्ड ढूंढ़ पाना मुश्किल हो रहा है।
सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गुरचरण सिंह चौहान केअनुसार सुरक्षा को लेकर लोग अब काफी सतर्क हो गए हैं। कॉमर्शियल इलाकों में इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा की अधिक मांग है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी मौके का फायदा उठाते हुए अपनी फीस 20-30 फीसदी बढ़ा दी है।
