महंगी मल्टीस्टोरी योजनाओं के लिए खरीदारों का टोटा देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक बार फिर से सस्ते मकान बनाने की ओर रुख करने का फैसला लिया है।
प्राधिकरण ने इसी साल एक फिर से कई दुर्बल वर्ग आवास (ईडब्लूएस) परियोजनाएं शुरु करने की ठानी है। प्राधिकरण अपनी कई आवासीय योजनाओं में 5,000 ईडब्लूएस बनाने जा रहा है।
प्राधिकरण को उम्मीद है कि पहले की योजनाओं की तरह जनता इसे भी हाथों-हाथ लेगी। प्राधिकरण अपने इन मकानों के लिए पंजीकरण जून में खोलेगा और मकानों की कीमत दो लाख रुपये के आस-पास ही रखी जाएगी।
इससे पहले प्राधिकरण ने जानकीपुरम, हरदोई रोड योजना और ऐशबाग में महंगे अपार्टमेंटों के लिए पंजीकरण खोला था। 12 से 20 लाख रुपये की कीमत वाले इन बहुमंजिला अपार्टमेंटों के लिए जनता में रुचि न जगती देख प्राधिकरण ने हरदोई रोड योजना में बनने वाले नेचर्स पैराडाइज और जानकीपुरम में बनने वाले सृष्टि अपार्टमेंट योजना के पंजीकरण को स्थगित कर दिया था।
प्राधिकरण को केवल ऐशबाग टावर के नाम से बन रहे 1,000 अपार्टमेंटों के लिए 1,226 आवेदन मिले हैं। बाकी की सभी योजनाओं में कुल अपार्टमेंटों की गिनती से काफी कम आवेदन मिले हैं। जब बीते साल नवंबर में विकास प्राधिकरण ने राजधानी की गोमतीनगर योजना में जबल दुर्बल आय वर्ग के आवासों का पंजीकरण खोला था तो जनता ने इसे हाथों-हाथ लिया था।
कुल 475 दुर्बल वर्ग के आवासों के लिए 10200 लोगों ने आवेदन किया था। इस वर्ग के आवासों के लिए इतनी मारा-मारी तब थी जब कि आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता गरीबी रेखा के नीचे का राशन कार्ड होना जरूरी था।
विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि पैराडाइज और सृष्टि अपार्टमेंट के लिए पंजीकरण को फिलहाल रद्द कर दिया गया है। इसका कारण पर्याप्त तादाद में आवेदकों का न आना है। हां ऐशबाग टावर्स पर जल्दी ही काम शुरू किया जाएगा। इस योजना को अच्छी लोकेशन के चलते लोगों से ठीक रिस्पॉन्स मिला है।
हालांकि यहां भी अपार्टमेंटो की की कीमत 12 लाख से 20 लाख रुपये के बीच रखी गयी है। ऐशबाग टावर्स में 20 लाख रुपये की कीमत के 400 मकान बनाए जा रहे हैं। प्राधिकरण के अधिकारी बताते हैं कि महंगे मकानों के लिए इस योजना भी बहुत ज्यादा आवेदन नहीं मिले हैं। पर अंतिम तारीख आने पर सभी 400 मकानों के लिए आवेदन आ चुके हैं।
हां सृष्टि अपार्टमेंट और पैराडाइज के लिए अलबत्ता लोगों ने रुचि नहीं दिखायी है। अधिकारी इसका कारण शहर से ज्यादा दूरी और कीमत का अधिक होना बता रहे हैं।
