महाराष्ट्र के बाद व्यापार कर से सबसे ज्यादा राजस्व हासिल करने वाले राज्य उत्तर प्रदेश ने अब एक करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना टर्नओवर वाले व्यापारियों को ऑन-लाइन रिर्टन भरने की सुविधा दी है।
सरकार के इस कदम से प्रदेश भर के 5.50 लाख व्यापारी लाभान्वित होंगे। सरकार का अगला लक्ष्य व्यापार कर वसूली के मामले में देश में नंबर एक बनने का है।
उत्तर प्रदेश सरकार के व्यापार कर मंत्री नकुल दुबे के मुताबिक राज्य में मंदी के बावजूद वैट राजस्व में इजाफा दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में दिसंबर महीने तक 11,849.42 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया गया है। जो बीते साल के मुकाबले 17 फीसदी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश देश भर में वैट लागू करने वाला आखिरी राज्य था जहां बीते साल की पहली जनवरी से इसे लागू किया गया था।
वैट लागू करने के करीब एक साल के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश भर के कार्यालयों को स्टेट वाइड एरिया नेटवर्किंग से जोड़ा है। इस तरह प्रदेश भर के 93 वैट कार्यालयों में स्थापित किए गए व्यापारी सुविधा केंद्रों को ऑन-लाइन कर दिया गया है।
आईसी द्वारा तैयार किए गए सॉफ्टवेयर यूपी वैट के जरिए राज्य भर के व्यापारियों के क्रय-विक्रय का पूरा ब्योरा किसी भी व्यापारी सुविधा केंद्र से देखा जा सकेगा। यहां पर व्यापारियों के दिए जाने वाले आईटीसी क्लेम का भी सत्यापन किया जा सकेगा।
कंप्यूटरीकरण के बाद हेड क्वार्टर या प्रदेश भर के किसी भी व्यापार कर कार्यालटय में बैठ कर रिर्टन, पंजीयन आदि से संबंधित जानकारी का सत्यापन किया जा सकेगा। एक करोड़ से अधिक के कारोबार वाले व्यापारियों के लिए ई-फाइलिंग अनिवार्य किया जा रहा है।