ब्रोकरों ने नो यॉर क्लाइंट (KYC) रिकॉर्ड के प्रमाणन (validation) के लिए बाजार नियामक सेबी से तीन महीने का समय मांगा है।
सेबी को भेजे पत्र में, भारत में राष्ट्रीय एक्सचेंज सदस्यों के गठन (ANMI) ने उसके सदस्यों द्वारा जताई गई कई चिंताओं का जिक्र किया है। इन चिंताओं और समस्याओं से निर्धारित समय-सीमा में प्रमाणन प्रक्रिया पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
सेबी के सर्कुलर में KYC पंजीकरण एजेंसियों (KRA) को ग्राहकों के KYC सत्यापन के लिए 180 दिन का समय दिया गया था, जो 30 अप्रैल को समाप्त हो गया है।
हालांकि ANMI ने अपने पत्र में दावा किया है कि KRA द्वारा अपने कई सदस्यों को कई जरूरी आंकड़े 29 अप्रैल, 2023 तक मुहैया करा दिए गए थे, लेकिन प्रमाणन प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला है।
इसके अलावा, यह आंकड़ा गैर-कामकाजी दिन साझा किया गया था, जिससे जल्दबाजी में काम करने की बाध्यता बढ़ी और त्रुटियां होने की आशंका भी बढ़ गई।
इसके अलावा सिर्फ एक KRA एजेंसी के साथ पंजीकृत बिचौलियों के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन का अभाव देखा गया। ANMI ने कहा है कि KYC प्रमाणन से जुड़ी KRA चाहती हैं कि बिचौलिये या मध्यस्थों को अलग अलग केआरए एजेंसी और उनके ग्राहक आंकड़े मिलें।
इसके अलावा, सिर्फ दो केआरए CVL और NDML ने वैलिडेशन लिंक के जरिये जानकारियां साझा की हैं, जिससे कैम्स, कार्वी और डोटेक्स के साथ पंजीकृत ग्राहकों के लिए प्रक्रियाओं के संबंध में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
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मंगलवार को नियामक के साथ बैठक में ANMI ने अपने ग्राहकों के बैंक खातों से जुड़ी समस्याओं को भी उठाया।