सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने गुरुवार को 500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड (एटी-1) 9.50 फीसदी ब्याज दर पर बेचे। मौजूदा वित्त वर्ष में किसी बैंक की तरफ से यह सबसे ज्यादा दिया गया ब्याज है। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
इसी ब्याज दर पर निवेशकों को तय अवधि में ब्याज चुकाया जाता है। विश्लेषकों ने कहा कि उच्च ब्याज दर इश्यू करने वाली इकाई, सख्त वित्तीय हालात और प्रतिभूति के तौर पर एटी-1 बॉन्ड की प्रकृति पर निर्भर करती है।
इंडिया रेटिंग्स के निदेशक और वित्तीय संस्थान प्रमुख प्रकाश अग्रवाल ने कहा, मुझे लगता है कि इसकी वजह एटी-1 बॉन्ड है और यह टियर-2 बॉन्ड नहीं है, ऐसे में इसका जोखिम ज्यादा होता है। इसलिए बैंक की क्रेडिट गुणवत्ता की भूमिका बड़ी होती है।
उन्होंने कहा, मैं कहना चाहूंगा कि यह कई चीजों को प्रतिबिंबित करता है। पहला निश्चित तौर पर ब्याज दर के सख्त बाजार है और फिर बॉन्ड की विशेषता और कौन सा बैंक इसे जारी कर रहा है।
एटी-1 बॉन्ड ऐसा साधन है जिसे बैंक अपने मुख्य इक्विटी आधार को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल करता है। ये प्रतिभूतियां परपेचुअल बॉन्ड होती हैं, जिसका मतलब यह है कि इश्यू करने वाला तय अंतराल पर ब्याज भुगतान करता है और मूलधन की निकासी नहीं होती। निवेशकों के लिए यह इसलिए अच्छा होता है कि एटी-1 बॉन्ड में रिटर्न टियर-2 बॉन्ड व फिक्स्ड डिपॉजिट से मोटे तौर पर ज्यादा मिलता है।
एटी-1 बॉन्ड के नए इश्यू पर ब्याज दरें 2023 में सख्त हो गई थी क्योंकि भारत व अमेरिका में महंगाई लगातार उच्चस्तर पर रही, जिससे अनुमान से ज्यादा लंबे समय तक मौद्रिक सख्ती के चक्र का संशय रहा।