राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद के घोटालों के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नई वैदिक सिटी की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। आवास विकास परिषद को करीब 1,200 एकड़ में नई अयोध्या के निर्माण का काम सौंपा गया है। नव्य अयोध्या के नाम से बनने वाली इस टाउनशिप में धार्मिक दूतावास बनाने के लिए 81 देशों को जमीन भी दी जाएगी। अलग-अलग विकास परियोजनाओं के जरिये 20,000 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या को नया स्वरूप दिया जाएगा। अयोध्या के साथ-साथ गोंडा व बस्ती जिले के कुछ क्षेत्र भी इस नई टाउनशिप के लिए शामिल किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अयोध्या में जारी विकास कार्यों पर बड़ी बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री बैठक में अयोध्या के नए मास्टर प्लान पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। बैठक में अयोध्या में एयरपोर्ट बनाने को लेकर भी चर्चा की जाएगी। अयोध्या के नए मास्टर प्लान को करीब 5,500 लोगों के सुझाव के बाद तैयार किया गया है जिसमें 500 पर्यटक भी शामिल हैं। अयोध्या में नयी टाउनशिप पर 10,000 करोड़ रुपये का खर्च तो श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण पर 5,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं से लैस पर्यटक केंद्र बनाने पर 275 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अयोध्या में सरयू नदी के किनारे 13 किलोमीटर के क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण व विकास के काम कराए जाएंगे। अयोध्या में आने वाले दिन में पर्यटकों की भारी भीड़ के मद्देनजर 2,588 करोड़ रुपये की लागत से 65 किलोमीटर लंबी रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा जबकि श्रद्धालुओं के लिए महत्त्वपूर्ण पंचकोसी परिक्रमा मार्ग को 289 करोड़ रुपये की लागत से नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।
पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नव्य अयोध्या में 81 देशों के धार्मिक दूतावास भी बनेंगे जहां पर विदेशी श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी। विदेशी धार्मिक दूतावास भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता के सेतु के रूप में काम करेंगे। अयोध्या टाउन सिटी में उन देशों के दूतावास होंगे जो भारतीय संस्कृति सभ्यता के परंपरा से जुड़े होंगे। आवास विकास परिषद भारत की सभ्यता व संस्कृति से जुड़े देशों को नव्य अयोध्या में 81 भूखंड आवंटित करेगा।
