राजस्थान के कई गांवों में आज भी औरतों के लिए चांदी के गहनें ही सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं।
इसलिए जब भी राजस्थानी महिलाओं के पास निवेश के लिए कुछ रुपये इकट्ठे होते हैं तो महिलाएं उन रुपयों से चांदी के गहनें ही खरीदती हैं और जब उन्हें पैसों की जरूरत होती है तो वे इन गहनों को बेच देती हैं। ऐसे ही गहनों को 30 साल पहले इतिहास के दो छात्रों ने इकट्ठा करना शुरू किया था।
कुछ गहनों को उन्होंने बेच दिया और कुछ अभी तक उनके पास हैं। अब वे दोनों मिलकर जयपुर में चांदी की वस्तुओं का संग्राहलय ‘द आर्ट’ बनाने की योजना बना रहे हैं, लेकिन अभी काम शुरू नहीं हो पाया है।
भारत में तो सोना और चांदी शुरू से ही काफी पसंदीदा रहे हैं। अनुमान के मुताबिक देश में हर साल लगभग 2,000 टन चांदी से गहनें और बर्तन बनाए जाते हैं। लेकिन ये कुल खपत का सिर्फ एक तिहाई ही है। भारत हर साल लगभग 100 करोड़ रुपये के चांदी के सामानों का निर्यात करता है।
कुल निर्यात का लगभग 50 फीसदी हिस्सा जयपुर से ही जाता है। इसलिए सिर्फ जयपुर में ही चांदी के 300-400 निर्यातक मौजूद हैं। और अगर कोई यह पता चले कि इसी काम के लिए 150-200 फैक्ट्रियां और सीधे तौर पर लगभग 20,000 मजदूर इस काम से जुड़े हो तो तो इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।
इन फैक्ट्रियों में से तीन फैक्ट्रियां तो उन्हीं दो छात्रों की ही हैं। दोनों ही यह दावा करते हैं कि इस क्षेत्र में विदेशों में सिर्फ उन्हीं की कंपनी के स्टोर हैं। राजेश अजमेरा ने कहा ‘विदेशों में भारतीय ज्वैलरी बेचने के लिए और भी कई ज्वैलर्स हैं लेकिन हमारे ग्राहकों की सूची सबसे अलग है।’ राजेश अजमेरा और राजेश अरोड़ा की कंपनी द्वारा निर्मित ज्वैलरी के खरीदारों की सूची में हैले बैरी, एंजेलिना जॉली, साराह मिशेल और बेयोंसे भी शामिल हैं।
जयपुर में उनकी दुकान पर कैलविन क्लेइन भी आ चुकी हैं।ये दोनों सिर्फ चांदी की ज्वैलरी के कारोबार तक ही सीमित नहीं हैं। इनकी इस सूची में अनगढ़ हीरे और 24 कैरेट सोने की ज्वैलरी भी शामिल है। उन्होंने पुराने डिजाइनों को एक नया रूप, ट्राइबल गोल्ड और गुजरात के मोटिफ्स को मिलाकर समकालीन ज्वैलरी बनाते हैं।
इसके साथ ही इनकी कंपनी हॉलीवुड, बॉलीवुड, फैशन शोज और टीवी सिरियल्स के लिए भी ज्वैलरी बनाती हैं। कंपनी के उड़ीसा, केरल और तमिलनाडु में स्टोर होने के साथ ही बनाना रिपब्लिक और गैप को भी ज्वैलरी की आपूर्ति करती है। कंपनी का सेल्स काउंटर सेलफ्रिजेस में है तो कंपनी के स्टोर लंदन के नाइट्सब्रिज में और ऑफिस न्यूयार्क में हैं। कंपनी के कुल 42 आउटलेट्स में से तीन मुंबई में, दो जयपुर में और दिल्ली, बेंगलुरु और जोधपुर में भी एक-एक आउटलेट है।
इसके अतिरिक्त कंपनी के अहमदाबाद और बेंगलुरु में फ्रेंचाइजी स्टोर भी हैं। कंपनी ने खिमसार, अमन बाग (रणथंबौर) और नीमराणा में होटलों के परिसर में ही दुकानें खोली हुई हैं। अजमेरा ने कहा ‘कंपनी की दो इकाइयां सिर्फ निर्यात के लिए ही उत्पादन करती हैं।
कई साल तक तो हमने रतनगढ़, चुरु और बीकानेर के कारीगरों के साथ काम किया है। लेकिन अब हम अपनी फैक्ट्रियों पर ही निर्भर करते हैं क्योंकि निर्यात के लिए समय सीमा के अंदर काम करना सबसे जरूरी है।’ आम्रपाली ने अब अपना डिजाइनिंग स्टूडियो भी बना लिया है जहां एनआईडी के छात्र ज्वैलरी डिजाइनिंग करते हैं।