कोविड-19 महामारी के बाद के दौर में महाराष्ट्र में रोजगार की स्थिति में काफी सुधार दिखा है। सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच की अवधि के दौरान राज्य में 30 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला। सितंबर-दिसंबर 2019 की अवधि के दौरान और सितंबर-दिसंबर 2022 की अवधि के दौरान सीएमआईई के उपभोक्ता पिरामिड घरेलू सर्वेक्षण कराए गए थे। पहला महामारी से पहले का आखिरी सर्वेक्षण था जबकि दूसरा महामारी के बाद का सर्वेक्षण है।
इस तीन वर्ष की अवधि के दौरान रोजगार में यह वृद्धि, मुख्य रूप से कृषि और उद्योग क्षेत्रों में श्रमिकों के जुड़ने पर आधारित थी, न कि सेवा क्षेत्र से जुड़ने पर। महाराष्ट्र में कुल रोजगार में लगभग 57.6 प्रतिशत की वृद्धि, कृषि क्षेत्र में रोजगार वृद्धि के कारण हुई थी।
पिछले तीन वर्षों में कार्यबल से जुड़ने वालों की संख्या 31 लाख तक बढ़ी है। नतीजतन, सितंबर-दिसंबर 2022 में महाराष्ट्र में कुल रोजगार पाने वालों की संख्या 4.5 करोड़ के स्तर तक पहुंच गई। इसकी तुलना में सितंबर-दिसंबर 2019 की महामारी से पहले की अवधि के दौरान करीब 4.2 करोड़ लोग रोजगार पा चुके थे।
हालांकि महाराष्ट्र में तीन वर्षों में रोजगार में यह वृद्धि सकारात्मक है, लेकिन यह उस अवधि में राज्य में कामकाजी उम्र की आबादी में वृद्धि दर के अनुरूप नहीं थी। नतीजतन, महाराष्ट्र की रोजगार दर इस अवधि के दौरान 41.87 प्रतिशत से कम होकर 41.84 प्रतिशत हो गई। रोजगार दर से ही कार्यरत आबादी के अनुपात की माप की जाती है।
महाराष्ट्र में रोजगार देने का सबसे बड़ा जरिया कृषि क्षेत्र है। सितंबर-दिसंबर 2019 की अवधि के दौरान कृषि क्षेत्र में करीब 1.8 करोड़ लोग कार्यरत थे जो राज्य में कुल कार्यबल का 44.15 प्रतिशत था। रोजगार का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा करीब 36.4 प्रतिशत, सेवा क्षेत्र से जुड़ा था। सितंबर-दिसंबर 2019 में महाराष्ट्र में सेवा क्षेत्र में करीब 1.5 करोड़ से अधिक लोग कार्यरत थे। उद्योग की हिस्सेदारी 19.4 प्रतिशत है और इसमें 82 लाख लोग कार्यरत हैं।
सितंबर-दिसंबर 2022 में महाराष्ट्र में कार्यबल का क्षेत्र के आधार पर वर्गीकरण इस बात के संकेत देते हैं कि कृषि मुख्य रूप से रोजगार का प्रमुख स्रोत बनी हुई है। सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच कुल रोजगार में वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा कृषि क्षेत्र के रोजगार में तेजी की वजह से आया।
महाराष्ट्र में कुल रोजगार सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच करीब 31 लाख के दायरे में बढ़ा है। इस अवधि के दौरान इनमें से 18 लाख नौकरियां कृषि क्षेत्र में और 13.4 लाख उद्योग से जुड़ीं। नतीजतन, कृषि में कामगारों की बढ़ती तादाद का महाराष्ट्र के कुल रोजगार की वृद्धि में करीब 57.7 प्रतिशत तक का योगदान था। कुल रोजगार वृद्धि में उद्योग का योगदान 43 प्रतिशत रहा। दूसरी ओर, सेवा क्षेत्र में तीन साल पहले की तुलना में सितंबर-दिसंबर 2022 में 14 हजार कम लोगों को रोजगार मिला।
कृषि में कार्यरत लोगों की संख्या सितंबर-दिसंबर 2019 में 1.8 करोड़ से बढ़कर सितंबर-दिसंबर 2022 में 2 करोड़ हो गई। इसकी वजह से कृषि से जुड़े रोजगार में लगभग 18 लाख की तेजी आई।
महाराष्ट्र में कुल रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी सितंबर-दिसंबर 2019 में 44.15 प्रतिशत थी। सितंबर-दिसंबर 2022 में यह हिस्सेदारी 45.07 प्रतिशत तक पहुंच गई जो 0.92 प्रतिशत अंक की वृद्धि को दर्शाता है।
उद्योग में कुल कार्यबल की संख्या सितंबर-दिसंबर 2019 के 82 लाख से बढ़कर सितंबर-दिसंबर 2022 में 95.7 लाख हो गई। इन दोनों अवधि के दौरान कुल रोजगार में इनकी हिस्सेदारी क्रमशः 19.43 प्रतिशत और 21.04 प्रतिशत थी। इसलिए, इस अवधि में महाराष्ट्र में कुल रोजगार में उद्योग की हिस्सेदारी 1.61 प्रतिशत अंक तक बढ़ी।
उद्योग क्षेत्र में सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच रोजगार में सबसे बड़ी वृद्धि विनिर्माण क्षेत्र में देखी गई। विनिर्माण में करीब 12.8 लाख लोगों को जोड़ा गया, जिसके परिणामस्वरूप इस क्षेत्र में कुल 53.8 लाख लोग कार्यरत थे।
रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच रोजगार में 2.3 लाख के मामूली अंतर से वृद्धि हुई। इस अवधि के दौरान उद्योग के रोजगार में रियल एस्टेट और निर्माण की हिस्सेदारी 45.3 प्रतिशत से घटकर 41.39 प्रतिशत रह गई।
महामारी से पहले के समय की तुलना में महाराष्ट्र के सेवा क्षेत्र के रोजगार में बहुत कम बदलाव आया है। सितंबर-दिसंबर 2022 में सेवा क्षेत्र में लगभग 1.5 लोग कार्यरत थे। यह सितंबर-दिसंबर 2019 में इस क्षेत्र में कार्यरत 1.54 करोड़ लोगों की तुलना में रोजगार में मामूली गिरावट है। हालांकि, इस अवधि में कुल रोजगार में सेवाओं की हिस्सेदारी 36.4 प्रतिशत से घटकर 33.9 प्रतिशत हो गई। इससे पता चलता है कि महाराष्ट्र में सेवा क्षेत्र में कम संख्या में लोगों को नौकरियां मिल रही हैं, जिससे अन्य क्षेत्रों के रोजगार में बदलाव आ रहा है।
महाराष्ट्र में सेवा क्षेत्र से इतर रोजगार की संख्या काफी हद तक कृषि क्षेत्र के पक्ष में है।
सितंबर-दिसंबर 2019 और सितंबर-दिसंबर 2022 के बीच कुल रोजगार में कृषि की हिस्सेदारी में लगभग 0.9 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई जबकि उद्योग की हिस्सेदारी में 1.6 प्रतिशत अंक की वृद्धि हुई। इसी अवधि में रोजगार में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी में 2.5 प्रतिशत अंक की कमी आई।
कृषि क्षेत्र में श्रमिकों का स्थानांतरण वास्तव में महाराष्ट्र के श्रम बाजार के अन्य क्षेत्रों में संकट के संकेत देता है। सेवा क्षेत्र, और उद्योग काफी हद तक, कौशल वाली नौकरियों में श्रमिकों को जोड़ने में असमर्थ है, जिससे लोगों को कृषि जैसे अधिक अनिश्चितता वाले क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ता है।