15 दिसंबर की एडवांस टैक्स की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे फ्रीलांसर, निवेशक और छोटे कारोबारी परेशान हैं कि उन्हें एडवांस टैक्स देना है या नहीं और कितना देना है। नौकरीपेशा लोगों का तो हर महीने TDS कट जाता है, लेकिन जिनकी कमाई अनियमित है, उन्हें खुद ही प्लान करना पड़ता है वरना ब्याज और आखिरी समय में भारी भरकम पेमेंट का बोझ पड़ जाता है।
अगर पूरे साल का कुल टैक्स (TDS काटने के बाद) 10,000 रुपये या उससे ज्यादा बनता है, तो एडवांस टैक्स देना जरूरी हो जाता है।
फॉर्विस मजार्स इंडिया में डायरेक्ट टैक्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अवनिश अरोड़ा कहते हैं, “एडवांस टैक्स हर उस व्यक्ति को देना पड़ता है, चाहे वह नौकरीपेशा हो या नहीं, जिसका साल भर का कुल टैक्स 10,000 रुपये या ज्यादा बन रहा हो। नौकरीपेशा लोगों का ज्यादातर टैक्स महीने-महीने TDS से कट जाता है, लेकिन जहां TDS कम पड़ जाता है, वहां एडवांस टैक्स देना पड़ता है।”
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15 दिसंबर तक आपको पूरे साल के अनुमानित टैक्स का कम से कम 75% हिस्सा जमा करना जरूरी है। यह साल की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण किस्त होती है।
अवनिश अरोड़ा बताते हैं, “इस तारीख तक 75% टैक्स नहीं चुकाया तो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234C के तहत ब्याज लगना तय है, भले ही बाद में रिटर्न फाइल करते वक्त बाकी टैक्स चुका दें।”
इस डेडलाइन को मिस करने से न सिर्फ शॉर्टफॉल पर ब्याज लगता है, बल्कि रिटर्न भरते वक्त अचानक बड़ा अमाउंट चुकाने का बोझ भी पड़ता है, खासकर उन लोगों को जिनकी कमाई में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है, जैसे शेयर मार्केट से कैपिटल गेन या प्रोजेक्ट बेस्ड कमाई।
अरोड़ा कहते हैं, “एडवांस टैक्स, TDS और दूसरी क्रेडिट घटाने के बाद जो टैक्स बचता है, उसे रिटर्न के साथ सेल्फ असेसमेंट टैक्स के रूप में भरते हैं। लेकिन एडवांस टैक्स में देरी या कमी होने पर शॉर्टफॉल और डिफरमेंट का ब्याज लगता है और रिटर्न के वक्त एकमुश्त भारी भरकम राशि चुकानी पड़ सकती है।”
15 दिसंबर नजदीक है, इसलिए अभी अपनी इनकम का हिसाब लगाएं, टैक्स कैलकुलेट करें और कम से कम 75% टैक्स जरूर जमा कर दें। समय पर पेमेंट करने से न सिर्फ ब्याज से बचत होती है, बल्कि बाकी साल के लिए कैश फ्लो भी आसान रहता है।