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क्या आप भी किराए के घर में रहते हैं? मकान मालिक को रेंट देने से पहले करें ये जरूरी काम, वरना लग सकता है जुर्माना

TDS on Rent: किरायेदार को किराए की राशि पर 5 प्रतिशत TDS काटकर, किराया देने वाले महीने के अंत से 30 दिनों के भीतर फॉर्म 26QC के जरिए सरकार के पास जमा करना होगा।

Last Updated- April 20, 2025 | 7:00 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

बीते दिनों आयकर विभाग ने एक नया ब्रोशर जारी किया था, जिसमें आयकर कानून की धारा 194-IB के बारे में विस्तार से बताया गया था। इस धारा के तहत किरायेदार की जिम्मेदारी है कि वह मकान के किराए से टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) काटे। यह टैक्स किराया मकान मालिक को देने से पहले काटना होगा। इससे टैक्स अधिकारियों को किराए से होने वाली आय पर नजर रखने में मदद मिलती है। लेकिन TDS काटने की यह जिम्मेदारी तभी लागू होती है, जब मासिक किराया 50,000 रुपये से ज्यादा हो।

सिरिल अमरचंद मंगलदास के पार्टनर कुनाल सवानी ने कहा, “आयकर कानून, 1961 की धारा 194-IB के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF), जो किसी निवासी को प्रति माह 50,000 रुपये से ज्यादा किराया देता है, उसे टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) काटना होगा। ‘किराया’ शब्द में पट्टा, उप-पट्टा, किरायेदारी या इसी तरह के किसी समझौते के तहत जमीन, इमारत या दोनों के उपयोग के लिए किया गया कोई भी भुगतान शामिल है। TDS को वित्तीय वर्ष या किरायेदारी के आखिरी महीने में किराया देने या जमा करने के समय काटना होगा, जो भी पहले हो। अगर इस नियम का पालन नहीं किया गया, तो किरायेदार को ‘डिफॉल्ट में मूल्यांकनकर्ता’ माना जा सकता है, और उसे आयकर कानून के तहत ब्याज और जुर्माना देना पड़ सकता है।”

सिंहानिया एंड कंपनी के पार्टनर अमित बंसल ने बताया, “किरायेदार को किराए की राशि पर 5 प्रतिशत TDS काटना होगा और इसे फॉर्म 26QC के जरिए सरकार के पास जमा करना होगा। यह जमा उस महीने के अंत से 30 दिनों के अंदर करना होगा, जिसमें किराया दिया गया। 1 अक्टूबर 2024 (आकलन वर्ष 2025-26) से इस दर को संशोधित कर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। सभी TDS की राशि को उस वित्तीय वर्ष के 31 मार्च तक सरकार के पास जमा करना होगा, जिसमें TDS काटा गया। अगर इस तारीख के बाद भुगतान किया गया, तो सरकार ब्याज वसूल सकती है। इसके बाद, फॉर्म 16C, जो TDS का प्रमाणपत्र है, उसे 15 दिनों के अंदर मकान मालिक को देना होगा।”

TDS न काटने या जमा न करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। किरायेदार को ‘डिफॉल्ट में मूल्यांकनकर्ता’ माना जा सकता है और उसे ब्याज (TDS न काटने पर 1 प्रतिशत प्रति माह और काटने के बाद न जमा करने पर 1.5 प्रतिशत प्रति माह), 200 रुपये प्रतिदिन का विलंब शुल्क, और TDS रिटर्न न दाखिल करने पर धारा 271H के तहत 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा, जो टैक्स नहीं काटा गया, उसे किरायेदार से वसूला जा सकता है।

बंसल ने किराया देने और टैक्स का फायदा लेने के दौरान ध्यान रखने से जुड़ी कुछ और बातें बताईं। उन्होंने कहा, “अगर किरायेदार हाउस रेंट अलाउंस (HRA) का लाभ ले रहा है, तब भी उसे 50,000 रुपये से ज्यादा मासिक किराए पर TDS काटना होगा, चाहे वह HRA का दावा करे या नहीं।

किरायेदार को किराया समझौता, किराए की रसीदें और TDS भुगतान के प्रमाण जैसे सभी जरूरी दस्तावेज ठीक तरह से रखने चाहिए। समय पर TDS काटने और जमा करने से अनावश्यक जुर्माने से बचा जा सकता है और टैक्स नियमों का पालन आसानी से हो सकता है।”

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फॉर्म 26QC कैसे भरें?

NSDL की वेबसाइट www.tin-nsdl.com पर जाएं। ‘सर्विसेज’ सेक्शन में जाएं और ‘TDS ऑन प्रॉपर्टी (194IA)’ चुनें। TDS ऑन प्रॉपर्टी सेक्शन में फॉर्म 26QC चुनें। TDS ऑन प्रॉपर्टी के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने का विकल्प चुनें।

संपत्ति खरीदार और विक्रेता की जानकारी भरें:

  • खरीदार का PAN: खरीदार का स्थायी खाता नंबर (PAN) दें।
  • विक्रेता का PAN: विक्रेता का PAN दें। PAN की जानकारी सटीक होनी चाहिए, क्योंकि गलती होने पर फॉर्म खारिज हो सकता है।

संपत्ति लेनदेन का विवरण भरें:

  • लेनदेन की तारीख: बिक्री समझौते या संपत्ति खरीद की तारीख बताएं।
  • कुल मूल्य: संपत्ति की कुल बिक्री मूल्य दर्ज करें।
  • भुगतान का प्रकार: भुगतान एकमुश्त हुआ या किस्तों में, यह बताएं।
  • संपत्ति का प्रकार: संपत्ति आवासीय है, व्यावसायिक है, आदि, यह निर्दिष्ट करें।
  • भुगतान का विवरण भरें, जिसमें चालान भुगतान मोड और बैंक जानकारी शामिल हो।
  • सफल भुगतान के बाद, एक acknowledgement receipt और चालान पहचान संख्या (CIN) जनरेट होगी।
  • इस रसीद को भविष्य के लिए सहेजें या प्रिंट करें।

First Published - April 20, 2025 | 7:00 PM IST

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