मौसम विभाग ने इस साल भी मॉनसून सामान्य रहने का अनुमान जताया है। अच्छे मॉनसून में बारिश जमकर होती है, जिससे किसान तो खुश हो जाते हैं मगर भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव वाले इलाकों के कार मालिक परेशान हो जाते हैं।
एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेंस में प्रेसिडेंट (रिटेल कारोबार) पार्थनील घोष कहते हैं, ‘ऐसे इलाकों में रहने वालों को बारिश के मौसम में अप्रत्याशित नुकसान से बचने के लिए कुछ ऐड-ऑन खरीद ही लेने चाहिए।’
मॉनसून से पहले वाहन की सर्विस कराना तो आपको हमेशा ध्यान रहना चाहिए। यदि आपके पास केवल थर्ड पार्टी बीमा है तो फटाफट कॉम्प्रिहेंसिव कवर ले लीजिए। इसके बाद अपने इलाके के हिसाब से कुछ ऐड-ऑन भी खरीदिए ताकि गाड़ी को नुकसान होने पर आपकी जेब को चोट न झेलनी पड़े। कम से कम दो ऐड-ऑन तो आपके पास जरूर होने चाहिए।
इंजन प्रोटेक्शन कवर: कॉम्प्रिहेंसिव बीमा पॉलिसी में सड़क पर पानी भरा होने के कारण इंजन या गियरबॉक्स को होने वाले नुकसान को शामिल नहीं किया जाता। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के मुख्य तकनीकी अधिकारी टीए रामलिंगम बताते हैं, ‘अगर पानी अंदर घुसने के कारण आपकी गाड़ी का इंजन बिल्कुल बंद हो जाता है तो यही ऐड-ऑन कवर आपको बचाता है।
इसमें इंजन के सिलिंडर हेड, पिस्टन और क्रैंकशाफ्ट जैसे पुर्जों का बीमा शामिल होता है। अगर यह ऐड-ऑन नहीं खरीदा तो इन पुर्जों का बीमा नहीं होगा।’ घोष आगाह करते हैं कि इंजन के पुर्जों की मरम्मत करनी पड़े या उन्हें बदलना पड़े तो लाखों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।
जिनके पास इलेक्ट्रिक कार है, उन्हें अपनी गाड़ी ऊंची जगह पर ही खड़ी करनी चाहिए ताकि वह पूरी रात पानी में न डूबी रहे। रामलिंगम ऐसी कारों के लिए बैटरी प्रोटेक्शन ऐड-ऑन कवर खरीदने पर जोर देते हैं ताकि बैटरी बदलने पर आपको चूना न लगे।
रोडसाइड असिस्टेंस कवर: बारिश के दिनों में यह कवर भी होना ही चाहिए। पॉलिसीएक्स के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) नवल गोयल समझाते हैं, ‘आपकी गाड़ी बीच सफर में बंद हो जाती है और आगे नहीं बढ़ती है तो यह कवर बहुत काम आएगा। अगर आपने यह कवर खरीदा है तो जहां आपकी गाड़ी खराब हुई है वहीं तकनीशियन पहुंच जाएगा और मरम्मत करेगा।’
रामलिंगम बताते हैं कि इस कवर में गाड़ी खींचकर ले जाने, टैक्सी कराने, पेट्रोल-डीजल पहुंचाने और टायर पंक्चर होने पर मदद करने समेत बहुत कुछ शामिल होता है। मगर यहां एक बात जरूर ध्यान रखनी चाहिए। इस कवर को बीमा कंपनी से ऐड-ऑन के रूप में ही खरीदें। हाल में कुछ घटनाएं हुई हैं, जिसमें धोखेबाज सस्ती रोडसाइड असिस्टेंस सेवाएं देने के नाम पर कार मालिकों को शिकार बना रहे हैं।
जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन: बंपर टु बंपर कवर कहलाने वाला यह ऐड-ऑन मॉनसून में और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि इस समय सड़कों पर फिसलन होने और कम दिखाई देने के कारण वाहन दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। आम तौर पर जब भी कोई वाहन क्षतिग्रस्त होता है और पुर्जे बदले जाते हैं तो बीमा कंपनी उनकी कम (डेप्रिसिएटेड) कीमत चुकाती हैं।
लेकिन आपके पास जीरो डेप्रिसिएशन बीमा है तो बीमा कंपनी पूरी कीमत चुकाएगी। इस ऐड-ऑन में ज्यादातर पुर्जों की पूरी कीमत दी जाती है मगर बैटरी, टायर और ट्यूब की 50 फीसदी कीमत ही बीमा कंपनी देती है।
इस ऐड-ऑन का प्रीमियम यह देखकर तय किया जाता है कि गाड़ी कितनी पुरानी है। कुछ बीमा कंपनियां वाहन खरीदने के बाद 5 साल तक यह कवर देती हैं मगर कुछ कंपनियां उससे पुराने वाहनों को भी कवर देती हैं।
रिटर्न टु इनवॉयस: गोयल समझाते हैं कि रिटर्न टु इनवॉयस ऐड-ऑन बेहद काम का होता है क्योंकि गाड़ी चोरी होने या बिल्कुल बरबाद हो जाने पर इसमें इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (आईडीवी) को बजाय खरीदते समय बिल में चुकाई गई उसकी पूरी कीमत मिल जाती है। आईडीवी गाड़ी का एक्स-शोरूम मूल्य होता है, जिसमें साल-दर-साल डेप्रिसिएशन यानी कमी आती रहती है। इस तरह कुछ साल गुजरने के बाद गाड़ी चोरी हो जाए या हादसे में बिल्कुल बरबाद हो जाए तो बीमा कंपनी से उसकी कुल कीमत का थोड़ा हिस्सा भर मिलता है।
की रीप्लेसमेंट: इस ऐड-ऑन कवर में कार की चाबी खो जाने, खराब हो जाने या चोरी हो जाने पर उसे बदलने या नई चाबी लेने का खर्च बीमा कंपनी से मिल जाता है। महंगी गाड़ियों में चाबी बदलना काफी महंगा पड़ सकता है। पॉलिसीबाजार डॉट कॉम में हेड (मोटर इंश्योरेंस) नितिन कुमार कहते हैं, ‘फ्रीक्वेंसी ऑपरेटेड बटन (एफओबी) जैसी बेहतरीन तकनीक इस्तेमाल होने के कारण लक्जरी कारों में नई चाबी लेने पर अच्छा खासा खर्च आता है।’
मगर जरूरत पड़ने पर बीमा कंपनी चाबी के साथ ताले बदलने का भी खर्च देती है। कुमार बताते हैं कि गाड़ी चोरी करने या ताले तोड़ने की कोशिश हो तो ताले-चाबी बदलने का खर्च बीमा कंपनी ही देती है।
मगर कौन से ऐड-ऑन कवर लिए जाएं?
इस पर एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशन्स के संस्थापक एम बर्वे कहते हैं, ‘आपके पास महंगी कार है तो रिटर्न टु इनवॉयस, जीरो डेप्रिसिएशन और की रीप्लेसमेंट कवर लेना ठीक रहेगा। मिड साइज और कॉम्पैक्ट कारों के मालिक इन्हें छोड़ सकते हैं क्योंकि इन्हें लेने से प्रीमियम बढ़ जाएगा।’