पेंशन कोष विनियमन व विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने कारोबारी सुगमता व अनुपालन कम करने के लिए नैशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट (एनपीएसटी) विनियमनों और पेंशन फंड विनियमनों में संशोधन की अधिसूचना बुधवार को जारी की।
एनपीएस ट्रस्ट विनियमनों के नवीनतम संशोधन में ट्रस्टी की नियुक्ति, उनकी शर्तों व स्थितियों, ट्रस्टी बोर्ड की बैठकें करने और मुख्य कार्याकारी अधिकारी के उपबंधों को आसान बनाया गया है। इस क्रम में पेंशन कोष विनियमनों को भी आसान बनाया गया है और इसे कंपनियों के अधिनियम, 2013 के अनुरूप बनाया गया है।
पेंशन फंड की राशि के खुलासे को सहज बनाया गया है। अन्य संशोधनों के अंतर्गत पेंशन फंड के प्रायोजकों की भूमिका को स्पष्ट किया गया है। इस क्रम में नाम की धारा में पेंशन फंड के नाम को शामिल किया गया है।
इस क्रम में हालिया पेंशन फंडों को इन उपबंधों को 12 महीनों के दौरान लागू करना होगा। इन संशोधनों में पेंशन फंड को बोर्ड की अतिरिक्त समितियों जैसे ऑडिट समिति और नामांकन व पारिश्रमिक समिति का गठन करना होगा।
सीएफआरडीए ने एनपीएस ट्रस्ट की स्थापना की है और इस ट्रस्ट का कार्य एनपीएस के तहत संपतियों व कोषों की देखभाल करना होता है।
वित्तीय क्षेत्र के इस नियामक ने बीते महीने अधिसूचना जारी की है कि बैंक और गैर बैंक पीओपी की भूमिका अदा कर ग्राहकों को ऑनबोर्ड कर सकते हैं और उन्हें केवल एक बार ही पंजीकरण कराने की जरूरत होगी। हालांकि पहले उन्हें कई बार पंजीकरण करवाना पड़ता था।
आवेदनों को निपटान की अवधि 60 दिनों से घटाकर 30 दिन कर दी गई। इस क्रम में बैंक अपनी व्यापक डिजिटल उपस्थिति के साथ केवल एक शाखा से भी संचालन कर सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में घोषणा की थी कि कारोबारी सुगमता और नियमों के अनुपालन की लागत घटाने के लिए विनियमनों की समीक्षा की जाएगी। इस घोषणा के अनुरूप ही संशोधन कर वित्तीय क्षेत्र को आसान बनाया गया है और अनुपालनों को कम किया गया है।