वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना की शुरुआत की जिसमें माता-पिता को पेंशन खाते में निवेश कर अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत करने की सुविधा दी गई है। माता-पिता ऑनलाइन या बैंक या डाकघर जाकर एनपीएस वात्सल्य योजना का हिस्सा बन सकते हैं।
वात्सल्य खाता खोलने के लिए न्यूनतम योगदान 1,000 रुपये है। इसके बाद अंशधारकों को सालाना 1,000 रुपये का योगदान करना होगा।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) खातों से निकासी के दिशानिर्देशों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। सीतारमण ने यहां एक कार्यक्रम में एनपीएस वात्सल्य योजना को शुरू करते हुए कहा कि इस पेंशन व्यवस्था ने बहुत प्रतिस्पर्धी रिटर्न दिया है और यह भविष्य की आय सुनिश्चित करते हुए लोगों को बचत का विकल्प मुहैया कराती है।
पिछले 10 वर्षों में एनपीएस के 1.86 करोड़ ग्राहक हो चुके हैं और प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियां (AUM) 13 लाख करोड़ रुपये है। एनपीएस वात्सल्य योजना पहले से ही चली आ रही एनपीएस योजना का बच्चों तक किया गया विस्तार है। इसमें 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का खाता खोला जा सकता है जो उनके 18 वर्ष की आयु पूरी होने पर अपने-आप नियमित एनपीएस खाते में परिवर्तित हो जाएगा।
हालांकि, एनपीएस वात्सल्य योजना के तहत खोले गए खाते में पेंशन केवल 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर ही आएगी। सीतारमण ने कहा कि एनपीएस ने शेयर, कॉरपोरेट ऋण और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश पर क्रमशः 14 प्रतिशत, 9.1 प्रतिशत और 8.8 प्रतिशत रिटर्न हासिल किया है।
वित्त मंत्री ने जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते समय एनपीएस वात्सल्य योजना लाने की घोषणा की थी।
ICICI बैंक और एक्सिस बैंक सहित कई ऋणदाताओं ने ‘एनपीएस वात्सल्य’ की पेशकश के लिए पेंशन कोष नियामक PFRDA के साथ हाथ मिलाया है।
ICICI बैंक ने एनपीएस वात्सल्य के तहत कुछ बच्चों के खाते पंजीकृत करके मुंबई में अपने सेवा केंद्र में योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर वित्तीय सेवा सचिव नागराजू मद्दीराला ने कहा कि सरकार ग्राहकों की प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए पेंशन योजना में सुधार करेगी।
मद्दीराला ने कहा, ‘‘वात्सल्य योजना की घोषणा होने के बाद से ही हमें इसमें सुधार के लिए प्रतिक्रिया और सुझाव मिल रहे हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे और वात्सल्य योजना को लागू करेंगे, हम उसमें सुधार करने की कोशिश करेंगे ताकि पिछले जताई गई चिंताओं का ध्यान रखा जा सके।’’