भारत में खेती सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि जीवनशैली है। देश की लगभग आधी आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है। लेकिन बदलते मौसम, बढ़ती लागत और सीमित संसाधनों के कारण किसानों के लिए खेती-किसानी का काम आसान नहीं रहा है। ऐसे में उन्हें समय पर वित्तीय मदद, तकनीकी संसाधन और सुरक्षा की जरूरत होती है। और यही काम कर रही हैं केंद्र सरकार की किसानों के लिए बनाई गई कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं।
हालांकि, केंद्र सरकार की PM किसान सम्मान निधि योजना ने किसानों की मुश्किलें काफी हद तक कम की हैं लेकिन यह योजना हर किसान तक नहीं पहुंच पाती। आज हम 5 ऐसी योजना के बारे में बात करेंगे जो किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार मदद देती हैं और इसकी चर्चा भी कम होती है।
किसानों को आसान और सस्ती दरों पर कर्ज देने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना बेहद कारगर है। इस योजना के तहत छोटे और सीमांत किसानों को 3 लाख रुपये तक का कम समय के लिए लोन 7 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलता है। अगर समय पर लोन चुकाया जाए, तो ब्याज में 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट भी दी जाती है, जिससे ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत रह जाती है। यह सुविधा प्राकृतिक आपदाओं के समय भी उपलब्ध है। इस योजना का फायदा यह है कि यह किसानों को खेती और दूसरी कृषि जरूरतों के लिए तुरंत आर्थिक मदद देती है।
कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत ‘एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड’ शुरू किया है। इस योजना का मकसद कोल्ड स्टोरेज, गोदाम और प्रोसेसिंग यूनिट जैसी सुविधाओं को बढ़ावा देना है। इसके लिए 2020-21 से 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है।
यह योजना किसानों को फसल के बाद होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती है और उनकी आय बढ़ाने में सहायक है। किसान इस कोष के जरिए मध्यम और लंबे समय के लिए लोन ले सकते हैं, जिससे वे आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
Also Read: पट्टेदार और बंटाईदार किसानों को केंद्र सरकार से राहत, अब उन्हें भी मिलेगी MSP और बीमा योजना में जगह
फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और मिट्टी की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत किसानों को उनकी जमीन की मिट्टी का परीक्षण करवाने और उसकी सेहत के बारे में जानकारी दी जाती है। सरकार के प्रयोगशालाओं में मिट्टी की जांच के बाद किसानों को सलाह दी जाती है कि वे कौन से उर्वरक और पोषक तत्वों का उपयोग करें।
इससे न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान कम होता है। यह योजना किसानों को आधुनिक उपकरणों, जैसे चावल और आलू रोपण मशीनों, का उपयोग करने में भी मदद करती है।
कृषि में बिजली की लागत को कम करने और पर्यावरण को बचाने के लिए PM कुसुम योजना लाई गई है। इस योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सौर पैनल लगाने से बिजली का खर्च कम होता है, जिससे किसान अपने पैसे को आधुनिक कृषि उपकरणों, जैसे चावल और आलू रोपण मशीनों, में निवेश कर सकते हैं। यह योजना न केवल किसानों की लागत कम करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करती है।