Health Insurance: आज के तेजी से बदलते प्रोफेशनल माहौल में स्वास्थ्य सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। हमारे देश में नौकरीपेशा लोग अक्सर अपनी कंपनी द्वारा दी जाने वाली हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर निर्भर रहते हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि यह अकेले पर्याप्त नहीं है। केयर हेल्थ इंश्योरेंस के डिस्ट्रीब्यूशन हेड और इंश्योरेंस एक्सपर्ट अजय शाह का मानना है कि कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस में कई सीमाएं होती हैं, जिसमें कम कवरेज, सीमित सुविधाएं और नौकरी बदलने पर सिक्योरिटी खोने का जोखिम आदि शामिल हैं। यही कारण है कि अब अधिक से अधिक प्रोफेशनल्स अपनी और अपने परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स की ओर रुख कर रहे हैं। ये प्लान्स न केवल अधिक से अधिक कवरेज देते हैं, बल्कि नौकरी बदलने या करियर में उतार-चढ़ाव के दौरान भी लगातार सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस कई बार आकर्षक लगता है क्योंकि इसका प्रीमियम कंपनी द्वारा वहन किया जाता है। लेकिन इसकी कई सीमाएं हैं।
अजय शाह कहते हैं, “कॉर्पोरेट प्लान्स में अक्सर कम सुम इंश्योर्ड (कवरेज की राशि) होता है, जो बड़े मेडिकल खर्चों को कवर नहीं कर सकता है। इसके अलावा, कुछ खास बीमारियों या उपचारों पर कैपिंग (सीमित राशि) होती है, जिसके कारण मरीज को अपनी जेब से अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब कोई व्यक्ति नौकरी बदलता है या नौकरी छोड़ता है। ऐसी स्थिति में कॉर्पोरेट इंश्योरेंस खत्म हो जाता है, और व्यक्ति को अचानक स्वास्थ्य सुरक्षा के बिना रहना पड़ सकता है। यह अनिश्चितता आज के दौर में जोखिम भरी हो सकती है, जब मेडिकल खर्चे तेजी से बढ़ रहे हैं।”
शाह के मुताबिक, इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान्स कॉर्पोरेट इंश्योरेंस की इन कमियों को दूर करने का एक बेहतर विकल्प हैं। ये प्लान्स नौकरी की स्थिति से फ्री होते हैं, यानी नौकरी बदलने या छोड़ने पर भी कवरेज बनी रहती है। साथ ही ये प्लान्स लचीलापन होते हैं, जिसके तहत व्यक्ति अपनी जरूरतों के अनुसार कवरेज चुन सकता है।
शाह कहते हैं, “इंडिविजुअल प्लान्स में अस्पताल में भर्ती होने के खर्च, गंभीर बीमारियों का इलाज, लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां (जैसे डायबिटीज या हृदय रोग) और यहां तक कि OPD (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) खर्चों को भी कवर किया जा सकता है। इसके अलावा, कुछ प्लान्स में मातृत्व लाभ, वैकल्पिक उपचार (जैसे आयुर्वेद) और निवारक स्वास्थ्य जांच जैसी अतिरिक्त सुविधाएं भी शामिल होती हैं। यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति हर तरह की मेडिकल आपात स्थिति के लिए तैयार रहे।”
इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस को केवल एक अतिरिक्त कवर के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यह आपके फाइनेंशियल प्लानिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। मेडिकल इमरजेंसी न केवल शारीरिक और मानसिक तनाव लाती है, बल्कि यह परिवार की आर्थिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए एक बेहतर इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्लान यह सुनिश्चित करता है कि मेडिकल खर्चों के कारण व्यक्ति की बचत या निवेश पर असर न पड़े।
शाह का मानना है कि आज के समय में, जब जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां और महंगे उपचार आम हो गए हैं, इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस हर प्रोफेशनल के लिए जरूरी है। यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि जीवन के हर पड़ाव में वित्तीय सुरक्षा भी देता है।
शाह कहते हैं, “आज के दौर में, जब करियर में अनिश्चितता और मेडिकल खर्चों में लगातार बढ़ोतरी एक सच्चाई है, इंडिविजुअल हेल्थ इंश्योरेंस प्रोफेशनल्स के लिए एक भरोसेमंद सहारा बन रहा है। यह न केवल कॉर्पोरेट इंश्योरेंस की कमियों को पूरा करता है, बल्कि व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाता है।”