बेंगलुरु के एक Reddit यूजर ने हाल ही में बताया कि 1.2 करोड़ रुपये का होम लोन लेना उनके लिए कितना मुश्किल हो गया है। यूजर ने बताया कि वह हर महीने 2.2 लाख रुपये कमाते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। उनकी मासिक EMI 75,000 रुपये है, लेकिन असल परेशानी इसके बाद शुरू होती है। वो बढ़ते पारिवारिक खर्च, पैसे की कमी और मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये मामला भले ही थोड़ा अलग हो, लेकिन ऐसा होना आम बात है। कई अच्छी कमाई करने वाले लोग जल्दबाजी में बड़े होम लोन ले लेते हैं और फिर “संपत्ति तो बहुत, लेकिन नकदी कम” वाली स्थिति में फंस जाते हैं। आइए, एक्सपर्ट्स के हवाले से जानते हैं कि इस Reddit यूजर ने कहां गलतियां कीं और बड़े लोन लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
जिराफ के सह-संस्थापक विनीत अग्रवाल कहते हैं, “वो हर महीने 2.2 लाख रुपये कमाते हैं, लेकिन 75,000 रुपये की EMI उनकी आय का 34 फीसदी हिस्सा खा जाती है। इसके बाद मेंटेनेंस, बिल, परिवार का खर्च और थोड़ी-सी बचत जोड़ लें, तो पैसों की तंगी शुरू हो जाती है।”
इक्वेंटिस वेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष गोयल बताते हैं कि ये एक आम व्यवहार है। वह कहते हैं, “युवा और अच्छा कमाने वाले लोग अक्सर लाइफस्टाइल, कार की EMI और जोखिम भरे निवेश पर खूब खर्च करते हैं। इससे उनकी बचत कम हो जाती है और पैसे की किल्लत हमेशा बनी रहती है।”
30-35 की उम्र में 20 साल की EMI का बोझ उठाना समझदारी नहीं। चॉइस फिनसर्व के CEO और चार्टर्ड अकाउंटेंट विजेंद्र सिंह शेखावत कहते हैं, “ये वो उम्र है जब जिंदगी के लक्ष्य बदलते हैं। लोग शादी, बच्चे, नौकरी में बदलाव आदि पर काम करते हैं।
वे आगे कहते हैं, “7.9 फीसदी ब्याज पर 1.2 करोड़ का लोन मतलब 20 साल में करीब 1 करोड़ रुपये का ब्याज, जब तक आप इसे पहले चुका न दें।”
अग्रवाल कहते हैं, “जीवनयापन की बढ़ती लागत के साथ 2 लाख की सैलरी भी ये नहीं कहती कि आप लोन लेने के लिए तैयार हैं। घर खरीदने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहिए।”
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बैंक अक्सर आपकी सैलरी का 50-60 फीसदी तक EMI वाला लोन मंजूर कर देते हैं। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप उसे आसानी से चुका सकते हैं। आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर के प्रोडक्ट्स एंड इनसाइट्स हेड अमर रानू बताते हैं, “लोन की मंजूरी आपकी आय और क्रेडिट स्कोर पर आधारित होती है, न कि आपकी पूरी आर्थिक स्थिति पर।”
शेखावत भी इससे सहमत दिखते हैं। वह कहते हैं, “बैंक आपके परिवार के खर्च, बीमा की कमी या निवेश के लक्ष्यों को नहीं देखते। ये जिम्मेदारी उधार लेने वाले की है कि वो अपनी स्थिति का आकलन करे।”
कई लोग पहली बार लोन लेते वक्त कोई बैकअप प्लान नहीं बनाते। रुराश फाइनेंशियल्स के CEO रंजीत झा कहते हैं, “अगर आप हर महीने 75,000 रुपये की EMI दे रहे हैं, तो आपके पास कम से कम 6-12 महीने के खर्च का इमरजेंसी फंड होना चाहिए।”
अग्रवाल सलाह देते हैं कि बड़े लोन से पहले टर्म लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है। वे कहते हैं, “ये वैकल्पिक नहीं है। अगर आपके साथ कुछ हो जाता है, तो लोन का बोझ आपके परिवार पर पड़ सकता है।”
Reddit यूजर ने बताया कि वो 5-7 साल में लोन चुकाना चाहते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आक्रामक तरीके से लोन चुकाने की कोशिश तभी करनी चाहिए, जब आपके पास इमरजेंसी फंड और लंबे समय के निवेश सुरक्षित हों।
गोयल बताते हैं, “लोग बोनस को लोन में डाल देते हैं और SIP बंद कर देते हैं, ये टिकाऊ नहीं है। आप लोन जल्दी चुका सकते हैं, लेकिन आपकी आर्थिक स्थिति ठीक रहनी चाहिए।”
झा एक मिला-जुला तरीका सुझाते हैं: “निवेश जारी रखें और बोनस या सैलरी बढ़ने पर आंशिक प्रीपेमेंट करें। इससे लोन की अवधि कम होगी और आपकी नकदी भी बनी रहेगी।”
बड़े होम लोन लेने से पहले इन बातों का ध्यान रखें:
– EMI आपकी टेक-होम सैलरी के 30-35 फीसदी से ज्यादा न हो
– 6-12 महीने के खर्च के लिए इमरजेंसी फंड हो
– हर महीने निवेश (SIP) जारी रखें
– लोन की रकम के बराबर टर्म इंश्योरेंस हो
– पूरी तरह से हेल्थ इंश्योरेंस हो
– CTC नहीं, असल आय के आधार पर प्लान करें
अग्रवाल कहते हैं, “घर खरीदना एक सपना है, लेकिन ये आपके मानसिक और आर्थिक सुकून की कीमत पर नहीं आना चाहिए। पहले प्लान करें, फिर खरीदें। आपके पास बड़ा लोन लेने की योग्यता हो सकती है, लेकिन क्या आप इसे आराम से झेल सकते हैं, ये एक अलग सवाल है।”