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अगर आपकी उम्र 25 साल है, तो आपको शुरू में कितने रुपये का हेल्थ कवर लेना चाहिए? एक्सपर्ट से समझें

एक्सपर्ट के मुताबिक, 25 साल की उम्र में हेल्थ इंश्योरेंस का व्यापक प्लान लेना चाहिए ताकि हॉस्पिटलाइजेशन, गंभीर बीमारियों और अन्य इलाज के खर्चों से आसानी से बचा जा सके

Last Updated- October 09, 2025 | 7:00 PM IST
health insurance
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस लेना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है। जिस तरह दिन-ब-दिन बीमारियां बढ़ती जा रही है, ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस का महत्व और तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन सोचिए अगर आप 25 के हैं और अभी आपका करियर शुरू होने वाला हो तो आपको क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट का कहना है कि हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए यह उम्र सबसे वाजिब है। इस उम्र में सेहत सामान्य रहती है और प्रीमियम भी किफायती होते हैं, लेकिन भविष्य में अचानक बीमारी या अस्पताल के खर्च बढ़ सकते हैं। इसलिए पहले से ही पर्याप्त कवर लेना समझदारी है। सही प्लान चुनने से न सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन का खर्च सुरक्षित रहता है, बल्कि ओपीडी, वेलनेस और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों का फायदा भी मिलता है। साथ ही, अगर भविष्य में जरूरत पड़े तो प्रीमियम बढ़ाकर कवर बढ़ाना या टॉप-अप प्लान लेना भी आसान होता है। यानी छोटी उम्र में सही हेल्थ इंश्योरेंस लेने से लंबे समय में हेल्थ के साथ-साथ और आर्थिक सुरक्षा दोनो देती है।

शुरू में कितने का हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी?

केयर हेल्थ इंश्योरेंस के डिस्ट्रीब्यूशन हेड अजय शाह कहते हैं, “25 साल की उम्र व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेने के लिए बिल्कुल है। इस उम्र में प्रीमियम और वेटिंग पीरियड कम रहता है, क्योंकि 25 साल की उम्र में पहले से मौजूद बीमारियों की संभावना कम होती है। ऐसे में इस उम्र में आपको लंबे समय के लिए किफायती इंश्योरेंस प्लान आसानी से मिल जाता है।”

शाह आगे कहते हैं, “इस उम्र में हेल्थ इंश्योरेन्स प्लान लेते समय ध्यान रखें कि आप प्रीमियम देने की क्षमता और भविष्य में इलाज के बढ़ते खर्च के बीच तालमेल बना सकें। अलग-अलग लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कम से कम 10-15 लाख रुपये के बेस कवर की सलाह दी जाती है। इस तरह इंश्योरेन्स प्लान लेने से आप अचानक आने वाली मेडिकल इमरजेंसी या जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के लिए तैयार रहते हैं। आजकल युवाओं में भी ऐसी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। युवा पॉलिसीहोल्डर्स सुपर टॉप-अप प्लान लेकर अपनी सुरक्षा को और अधिक बढ़ा सकते हैं, जिसमें बहुत कम इन्क्रीमेंटल प्रीमियम चुकाने पर आपको कुल 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का कवरेज मिल जाता है। युवा प्रोफेशनल्स को सलाह दी जाती है कि उन्हें कॉर्पोरेट ग्रुप कवर के अलावा पर्सनल पॉलिसी कवर भी जरूर लेना चाहिए। क्योंकि एम्प्लॉयर से मिलने वाले प्लान की कवरेज सीमा अक्सर कम होती है, इसके अलावा अगर किसी कारण से आप नौकरी छोड़ देते हैं तो यह प्लान लैप्स हो जाता है।”

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क्या भविष्य में प्रीमियम बढ़ सकता है?

मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस के हेड ऑफ बिजनेस ऑपरेशंस आशीष यादव कहते हैं, “हां, इंश्योरेंस लेने के बाद कवर बढ़ाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम देना होगा। समय के साथ हेल्थकेयर की जरूरतें बढ़ती हैं, इसलिए कवर बढ़ाना जरूरी हो जाता है। ज्यादातर इंश्योरेंस कंपनियां रिन्यूअल के समय सम इंश्योर्ड (बीमा राशि) बढ़ाने की अनुमति देती हैं, जो मेडिकल चेकअप और अन्य शर्तों पर निर्भर करता है। इसके अलावा, टॉप-अप और सुपर टॉप-अप प्लान भी सस्ते विकल्प हैं, जो आपके मौजूदा कवर के ऊपर अतिरिक्त सुरक्षा देते हैं।”

वही अजय शाह कहते हैं, “समय के साथ आपके प्लान का प्रीमियम बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसे कई कारक हैं जिनकी वजह से प्रीमियम बढ़ता है। सबसे पहला कारक है- उम्र। आपकी उम्र बढ़ने के साथ बीमारियों की संभावना बढ़ती है, जिससे क्लेम के मामले भी बढ़ सकते हैं, इसलिए बीमा कंपनी समय के साथ प्रीमियम बढ़ा देती है। मेडिकल इन्फ्लेशन एक और कारक है- आजकल इलाज, अस्पताल में भर्ती का खर्च और दवाएं बहुत महंगे हो गए हैं, इसलिए बीमा कंपनी को क्लेम पेआउट बनाए रखने के लिए प्रीमियम बढ़ाना पड़ता है।”

शाह आगे कहते हैं, “अगर पॉलिसी होल्डर रीन्युअल पर अपना कवर बढ़ाते हैं तब भी प्रीमियम बढ़ सकता है, उदाहरण के लिए आप सम इंश्योर्ड बढ़ा रहे हैं, अपने प्लान में नए राइडर्स शामिल कर रहे हैं जैसे मैटरनिटी कवरेज, कन्ज़्यूमेबल कवरेज- ऐसे मामलों में भी आपका प्रीमियम बढ़ जाता है। कंज्यूमर ऐसे मामलों में ‘क्युमुलेटिव बोनस’ का लाभ उठा सकते हैं, जिसमें 5 सालों तक हर साल कोई क्लेम न लेने पर सम इंश्योर्ड बढ़ जाता है, हालांकि इसके कारण प्रीमियम में बढ़ोतरी नहीं होती। इस तरह भविष्य में कभी इलाज की ज़रूरत पड़े तो यह फीचर उपयोगी साबित होता है।”

शुरुआत में कैसा हेल्थ इंश्योरेंस बेहतर?

आशीष यादव कहते हैं, “शुरुआत में व्यक्तिगत कॉम्प्रिहेंसिव प्लान लेना सबसे अच्छा माना जाता है। ये सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन नहीं, बल्कि डे-केयर प्रोसीजर, प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च, पर्सनल एक्सीडेंट और क्रिटिकल इलनेस कवर भी देते हैं। अगर आपके परिवार में अन्य लोग भी हैं, तो फैमिली फ्लोटर प्लान किफायती विकल्प हो सकता है, जिसमें एक ही सम इंश्योर्ड के तहत सभी का कवर मिलता है।”

वही शाह का कहना है कि 25 साल की उम्र में आपको अपनी विवाहित स्थिति और भावी योजना को ध्यान में रखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए।

वह कहते हैं, “अगर आप सिंगल हैं तो तो इंडीविज़ुल हेल्थ इंश्योरेन्स प्लान ठीक होगा, इसमें सम इंश्योर्ड केवल एक व्यक्ति के लिए होती है, और आपके न्यूनतम संभव प्रीमियम पर अधिकतम सुरक्षा मिलती है। हालांकि अगर आप विवाहित हैं या जल्द ही शादी की योजना बना रहे हैं तो फैमिली फ्लोटर प्लान ठीक रहेगा। इसलिए सम इंश्योर्ड सदस्यों के बीच बंट जाती है, लेकिन यह एक ही पॉलिसी में एक से अधिक लोगों को कवर करने का किफ़ायती तरीका है। किसी भी मामले में शुरुआत से ही व्यापक हेल्थ इंश्योरेंस चुनना, सही कवरेज तय करना चाहिए, इससे आप भविष्य में होने वाले किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के मामले में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं।”

First Published - October 9, 2025 | 7:00 PM IST

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