facebookmetapixel
सरकारी सहयोग मिले, तो एरिक्सन भारत में ज्यादा निवेश को तैयार : एंड्रेस विसेंटबाजार गिरे या बढ़े – कैसे SIP देती है आपको फायदा, समझें रुपी-कॉस्ट एवरेजिंग का गणितजुलाई की छंटनी के बाद टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6 लाख से कम हुईEditorial: ‘इंडिया मोबाइल कांग्रेस’ में छाया स्वदेशी 4जी स्टैक, डिजिटल क्रांति बनी केंद्रबिंदुबैलेंस शीट से आगे: अब बैंकों के लिए ग्राहक सेवा बनी असली कसौटीपूंजीगत व्यय में इजाफे की असल तस्वीर, आंकड़ों की पड़ताल से सामने आई नई हकीकतकफ सिरप: लापरवाही की जानलेवा खुराक का क्या है सच?माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में पहली बार बदला संचालन और अनुपालन का ढांचादेशभर में कफ सिरप कंपनियों का ऑडिट शुरू, बच्चों की मौत के बाद CDSCO ने सभी राज्यों से सूची मांगीLG Electronics India IPO: निवेशकों ने जमकर लुटाया प्यार, मिली 4.4 लाख करोड़ रुपये की बोलियां

सितंबर में ई-वे बिल का सृजन 13.2 करोड़ पर पहुंचा, यह अब तक का सर्वाधिक मासिक रिकॉर्ड

जीएसटीएन के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ई-वे बिल का सृजन 21.1 प्रतिशत जबकि पिछले महीने की तुलना में सिर्फ 2.2 प्रतिशत बढ़ा है

Last Updated- October 09, 2025 | 10:22 PM IST
e-way bill
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

एक राज्य से दूसरे राज्य में या राज्य के भीतर 50,000 रुपये से अधिक कीमत की वस्तु की आवाजाही के लिए ई-वे बिल का सृजन सितंबर महीने में बढ़कर 13.2 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। यह अब तक का सर्वाधिक मासिक ई-वे बिल का सृजन है। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ई-वे बिल का सृजन 21.1 प्रतिशत जबकि पिछले महीने की तुलना में सिर्फ 2.2 प्रतिशत बढ़ा है। जुलाई में ई-वे बिल का सृजन 13.191 करोड़ था, जो दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।

विशेषज्ञों के मुताबिक ई-वे बिल के सृजन की संख्या से त्योहारों के पहले वस्तुओं की आवाजाही में तेजी का पता चलता है। कारोबारियों ने उत्पादन और भंडारण भेजना बढ़ा दिया है, जिससे त्योहारों  की संभावित बढ़ी मांग पूरी की जा सके। इस रिकॉर्ड सृजन से लगातार बढ़ रहे औपचारीकरण और वस्तु एवं सेवा कर के अनुपालन में सुधार के भी संकेत मिलते हैं।

इस गति का समर्थन करते हुए विश्व बैंक ने हाल ही में भारत के वित्त वर्ष 2026 के वृद्धि अनुमान को 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें लचीली घरेलू मांग, मजबूत ग्रामीण सुधार और हाल ही में जीएसटी सुधारों का हवाला दिया गया है।

डेलॉयट में पार्टनर एमएस मणि के मुताबिक 22 सितंबर को जीएसटी-2 लागू होने के पहले रेफ्रिजरेटर, मिक्सर, ग्राइंडर और अन्य रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली उन वस्तुओं के लदान में तेजी आई, जिनके कर में कोई बदलाव नहीं हुआ था।

First Published - October 9, 2025 | 10:22 PM IST

संबंधित पोस्ट