एक राज्य से दूसरे राज्य में या राज्य के भीतर 50,000 रुपये से अधिक कीमत की वस्तु की आवाजाही के लिए ई-वे बिल का सृजन सितंबर महीने में बढ़कर 13.2 करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। यह अब तक का सर्वाधिक मासिक ई-वे बिल का सृजन है। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में ई-वे बिल का सृजन 21.1 प्रतिशत जबकि पिछले महीने की तुलना में सिर्फ 2.2 प्रतिशत बढ़ा है। जुलाई में ई-वे बिल का सृजन 13.191 करोड़ था, जो दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक ई-वे बिल के सृजन की संख्या से त्योहारों के पहले वस्तुओं की आवाजाही में तेजी का पता चलता है। कारोबारियों ने उत्पादन और भंडारण भेजना बढ़ा दिया है, जिससे त्योहारों की संभावित बढ़ी मांग पूरी की जा सके। इस रिकॉर्ड सृजन से लगातार बढ़ रहे औपचारीकरण और वस्तु एवं सेवा कर के अनुपालन में सुधार के भी संकेत मिलते हैं।
इस गति का समर्थन करते हुए विश्व बैंक ने हाल ही में भारत के वित्त वर्ष 2026 के वृद्धि अनुमान को 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है, जिसमें लचीली घरेलू मांग, मजबूत ग्रामीण सुधार और हाल ही में जीएसटी सुधारों का हवाला दिया गया है।
डेलॉयट में पार्टनर एमएस मणि के मुताबिक 22 सितंबर को जीएसटी-2 लागू होने के पहले रेफ्रिजरेटर, मिक्सर, ग्राइंडर और अन्य रोजमर्रा के इस्तेमाल वाली उन वस्तुओं के लदान में तेजी आई, जिनके कर में कोई बदलाव नहीं हुआ था।