लंबे समय तक किसी संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी को पुरस्कार स्वरूप ग्रेच्युटी के तौर पर एक खास रकम दी जाती है। अगर कोई वेतनभोगी है तो ग्रेच्युटी लाभ में परिजनों को नामांकित करने पर उसकी मृत्यु के बाद उन्हें वित्तीय मदद मिल सकेगी।
ग्रेच्युटी नामांकन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कर्मचारी यह तय करता है कि उसकी मृत्यु के बाद किसे ग्रेच्युटी की रकम दी जाएगी। फॉर्म एफ का उपयोग कर नामांकन किया जा सकता है और इसे नियोक्ता के पास जमा करना पड़ता है। कर्मचारी एक या उससे अधिक लोगों को नामित कर सकता है, जो आमतौर पर परिवार के ही सदस्य होते हैं। इससे यह तय होता है उसकी ग्रेच्युटी की राशि उसकी इच्छानुसार बांट दी जाए।
यह प्रक्रिया जरूरी होती है क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि नामित लाभार्थियों को बगैर किसी देरी अथवा कानूनी अड़चन के ग्रेच्युटी का लाभ प्रदान किया जाए।
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत नामांकन में मुख्य रूप से परिवार के सदस्य ही शामिल हो सकते हैं। उनमें पत्नी, बच्चे (अविवाहित और विवाहित दोनों), आश्रित माता-पिता, आश्रित सास-ससुर, बेटे की विधवा और मृत बेटे के बच्चे शामिल होते हैं।
आपके पास एक से अधिक परिवार के सदस्यों को शामिल करने का विकल्प होता है और आप यह भी तय कर सकते हैं कि ग्रेच्युटी का कितना हिस्सा किसे मिलेगा। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके आश्रित को आर्थिक सहायता मिले।
वैध नामांकन नहीं होने की स्थिति में आमतौर पर ग्रेच्युटी की रकम कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारी को दी जाती है। मगर इसमें देरी हो सकती है और कानूनी अड़चन की भी आशंका बनी रहती है क्योंकि उत्तराधिकारी को इसे हासिल करने के लिए उचित कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत करने पड़ सकते हैं।
इसलिए, यह बेहतर रहता है कि नौकरी के दौरान ही आप अपने नामित सदस्यों की जानकारी दे दें ताकि ग्रेच्युटी की रकम आसानी से मिले और तेजी से भुगतान किया जा सके।
फॉर्म एफ भरेः यह आपकी ग्रेच्युटी की रकम के लिए लाभार्थी को नामित करने के लिए जरूरी फॉर्म होता है। फॉर्म एफ के बारे में ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 में भी बताया गया है और इसे आप अपने संस्थान के मानव संसाधन (एचआर) विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।
इस फॉर्म में आपको कुछ जरूरी जानकारी देनी होती है। जैसे- कर्मचारी का नाम और पता, नामित व्यक्ति का नाम और पता, नामित व्यक्ति से रिश्ता, ग्रेच्युटी की हिस्सेदारी (इसमें यह बताना होता है कि प्रत्येक नामांकित व्यक्ति को ग्रेच्युटी की कितनी रकम मिलेगी), हस्ताक्षर (इसमें गवाह के साथ आपको अपना दस्तखत करना होता है)।
एक बार पूरी तरह फॉर्म भरने के बाद आप इसे अपने संस्थान के एचआर विभाग में अथवा नामित अधिकारी के पास जमा कर दें। कुछ कंपनियां डिजिटल तरीके से जमा करने अथवा ऑनलाइन पोर्टल के जरिये जमा करने का भी विकल्प देती हैं।