facebookmetapixel
असफल मार्शल सिद्धांत: पाकिस्तान की सबसे ‘रचनात्मक’ सैन्य तानाशाहीEditorial: पुतिन की भारत यात्रा ने दिखाया रणनीतिक स्वायत्तता का दमRBI गवर्नर के रूप में संजय मल्होत्रा ​​का पहला साल: सुधारों के साथ स्थिरता भीघरेलू आकाश में इंडिगो की 65.6% हिस्सेदारी, दुनिया में ऐसा दबदबा किसी एयरलाइन का नहींभारत के 8 उद्योगों में विमानन का दबदबा सबसे ज्यादा, एयर इंडिया के टाटा में विलय के बाद आई और तेजीअक्टूबर में अमेरिका को भारत का पेट्रोलियम निर्यात 94.5% बढ़ा, बाकी बाजारों में आई गिरावटवार्नर ब्रदर्स को खरीदने की तैयारी में नेटफ्लिक्स, जियो हॉटस्टार संग बढ़ेगा मुकाबलाट्रंप की सुरक्षा रणनीति में भारत से संबंधों पर जोर, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की पहलगोवा में नाइटक्लब में भीषण आग: 25 लोगों की मौत, आतिशबाजी और सुरक्षा लापरवाही पर उठे सवालसरकार का इनोवेशन बूस्ट: BIRAC व TDB बनेंगे 1 लाख करोड़ रुपये के RDI फंड के फंड मैनेजर

होम लोन लेने वालों के ल‍िए खुशखबरी! बैंकों ने डॉक्यूमेंट्स वापस करने में की देरी तो देना होगा हर्जाना, RBI ने दिया निर्देश

लोन चुका देने के बाद बैंक, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां संपत्ति के कागजातों को वापस देने में देरी करती है तो उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा।

Last Updated- September 13, 2023 | 1:50 PM IST
RBI

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)  ने होम  लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है। अब अगर लोन चुका देने के बाद बैंक, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स को वापस देने में देरी करती है तो उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने बुधवार सुबह यह आदेश जारी किया।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset Reconstruction Companies) को निर्देश दिया है कि वह लोन चुकता होने के बाद 30 दिन के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स ग्राहकों को लौटाएं। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि इसके लिए बैंकों और सभी वित्तीय संस्थानों को किसी भी तरह का चार्ज भी हटाना होगा।

यह भी पढ़ें : रियल एस्टेट सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प, सोना में लोगों की सबसे कम दिलचस्पी: सर्वे

आरबीआई ने इसी के साथ निर्देश जारी किया है कि लोन लेने वाला अपनी ब्रांच से या उस वित्तीय संस्थान की किसी भी शाखा से अपनी जरूरत के हिसाब से यह दस्तावेज वापस पा सकता है। साथ ही यह कहा गया है कि जारी किए गए सैंक्शन लेटर (ऋण स्वीकृति पत्र) में मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान का उल्लेख किया जाएगा, जहां से इनको वापस किया जाना है।

यदि कर्जदार की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को दस्तावेज वापस करने होंगे । आरबीआई के निर्देश के तहत इसकी जिम्मेदारी रेगुलेटेड एंटिटीज (Regulated Entities) की होगी। साथ ही इस प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगी।

केन्द्रीय बैंक ने आदेश में यह भी कहा है कि यदि बैंक या अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज रजिस्ट्री के कागजात या ऑरिजिनल दस्तावेज खो देते हैं। तो इस स्थिति में ग्राहकों को फिर से कागजात निकलवाने में भी संबंधित संस्थानों को ही मदद करनी होगी।

आरबीआई ने साफ किया है कि मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को वापस करने में देरी या ऋण की पूर्ण चुकौती/निपटान के बाद 30 दिनों से अधिक समय तक दस्तावोज वापस न करने पर मुआवजा भी देना होगा। ऐसे मामले में जहां देरी रेगुलेटेड एंटिटीज के कारण होती है, वह उधारकर्ता को देरी के प्रत्येक दिन के लिए 5,000 रुपये की दर से मुआवजा देगा।

यह भी पढ़ें :  Personal Loan Table: पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं ? तो यहां चेक करें अलग-अलग बैंकों की ब्याज दर और क्या है शर्तें

अगर किसी कारण से मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों के आंशिक या पूर्ण रूप से खो जाने/क्षतिग्रस्त होने की स्थिति है तो आरई उधारकर्ता को चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की डुप्लिकेट/प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने में सहायता करेगा और इस पर आने वाले खर्च को वहन करेगा। यह मुआवजे के अतिरिक्त होगा।

First Published - September 13, 2023 | 1:31 PM IST

संबंधित पोस्ट