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Explainer: 7 करोड़ EPFO सब्सक्राइबर्स के लिए खुशखबरी! ‘पासबुक लाइट’ से कैसे होगा फायदा

EPFO ने ‘पासबुक लाइट’ लॉन्च कर PF बैलेंस चेक और ट्रांसफर को आसान बनाने की कोशिश की है, जिससे करोड़ों सब्सक्राइबर्स को ट्रांसपेरेंसी और टाइम सेविंग का फायदा मिलेगा

Last Updated- September 19, 2025 | 4:28 PM IST
EPFO
प्रतीकात्मक तस्वीर

EPFO Passbook Lite: EPFO ने हाल ही में एक नया फीचर लॉन्च किया है। इसका नाम है ‘पासबुक लाइट’। यह सुविधा करीब सात करोड़ से ज्यादा EPFO सब्सक्राइबर्स के लिए राहत लेकर आई है। अब PF अकाउंट की डिटेल्स चेक करना और आसान हो गया है। पहले जहां इसके लिए अलग-अलग पोर्टल पर लॉगिन करना पड़ता था, अब सब कुछ एक ही जगह मिल जाएगा। यूनियन लेबर मिनिस्टर मनसुख मांडविया ने 18 सितंबर 2025 को इसे लॉन्च किया था। यह EPFO 3.0 रिफॉर्म्स का ही हिस्सा है। इससे डिजिटल सर्विसेज ज्यादा यूजर-फ्रेंडली बनी है। आइए समझते हैं कि यह क्या है और कैसे काम करता है।

‘पासबुक लाइट’ में क्या अलग है? 

‘पासबुक लाइट’ एक सिम्पल टूल है। यह EPFO के मेंबर पोर्टल में ही इंटीग्रेटेड है। इससे यूजर्स को PF अकाउंट का समरी वर्जन दिखता है। इसमें कंट्रीब्यूशन, विड्रॉल और करंट बैलेंस की डिटेल मिलती है। पहले पासबुक पोर्टल पर इसके लिए अलग से जाना पड़ता था। वहां लॉगिन की दिक्कतें आती थीं। जैसे पासवर्ड भूलना या साइट लोड न होना। अब यह सब आसान हो जाएगा। सिंगल लॉगिन से काम चल सकता है।

इसके तहत EPFO ने ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। इसमें अब मेंबर्स आसानी से अपनी सेविंग्स ट्रैक कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, EPFO का यह स्टेप सोशल सिक्योरिटी को मजबूत बनाएगा। EPFO ने मौजूदा API को इंटीग्रेट किया है। इससे पासबुक पोर्टल पर लोड कम होगा। हालांकि, पुराना पोर्टल अभी भी है। वहां अब डिटेल्ड जानकारी और ग्राफिकल डिस्प्ले देख सकते हैं। लेकिन डेली चेक के लिए लाइट वर्जन काफी है। यह क्विक और फास्ट है।

सब्सक्राइबर्स को इससे ग्रिवांस कम होंगे, जिससे ट्रस्ट बढ़ेगा। आने वाले समय में EPFO 3.0 में और भी कई चेंजेस होने वाले हैं। ‘पासबुक लाइट’ इन्हीं में से एक है। जॉब चेंज करने वालों के लिए यह काफी बेहतर है क्योंकि अब यह PF ट्रांसफर को आसान बना देगा।

Also Read: EPFO का कर्मचारियों को बड़ा तोहफा: बढ़ाई गई इस फंड की राशि, अब ₹8.8 लाख की जगह मिलेंगे ₹15 लाख

यह कैसे काम करता है? स्टेप बाय स्टेप गाइड

  • सबसे पहले मेंबर पोर्टल unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं।
  • वहां अपना यूनिफाइड अकाउंट नंबर या मोबाइल नंबर डालें। OTP से वेरिफाई करें। लॉगिन हो जाएगा।
  • होम पेज पर ‘पासबुक लाइट’ का ऑप्शन दिखेगा। उसपर क्लिक करें। तुरंत समरी खुल जाएगी।
  • समरी में आपके कंट्रीब्यूशन की लिस्ट आप चेक कर सकते हैं कि हर महीने कितना जमा हुआ है। इसमें एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई का शेयर अलग-अलग। दिखाएगा।
  • साथ ही अगर आपको विड्रॉल की डिटेल्स, यानि एडवांस लिया या सेटलमेंट किया, तो वह भी दिखेगा। करंट बैलेंस भी साफ दिखेगा। ग्राफ नहीं होगा। लेकिन अब सभी नंबर्स क्लियर दिखेंगे।
  • हां, अगर डिटेल चाहिए, तो पुराने पासबुक पोर्टल पर स्विच करें।

PF ट्रांसफर के लिए नया फीचर

अगर आप PF ट्रांसफर करना चाहते हैं तो इसके लिए नया फीचर है। इसके लिए आप एनेक्सचर डाउनलोड कर सकते हैं। यही ट्रांसफर सर्टिफिकेट है। PDF फॉर्मेट में मिलेगा। पहले इसके लिए रिक्वेस्ट करना पड़ता था। अब डायरेक्ट मेंबर पोर्टल से काम हो जाएगा। स्टेटस ट्रैक भी कर सकते हैं। पुराने और नए अकाउंट में बैलेंस भी चेक करने की सुविधा होगी। सर्विस पीरियड सही अपडेट हुआ या नहीं, इसकी जानकारी भी मिलेगी। यह सब काम ऑनलाइन होगा जिससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी। 

EPFO ने अप्रूवल प्रक्रिया भी आसान की है। पहले हाई लेवल ऑफिसर्स को अप्रूवल देना पड़ता, अब असिस्टेंट PF कमिश्नर को पावर मिली है। क्लेम प्रोसेसिंग भी तेज हुआ है। 2024-25 में 2.34 करोड़ एडवांस क्लेम ऑटो-सेटल हुए, जो 161 परसेंट ग्रोथ है। नए बदलाव से इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। 

मेंबर्स के लिए फायदे : रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे मदद?

‘पासबुक लाइट’ का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे टाइम बचेगा। सुबह कॉफी पीते हुए भी आप आराम से चेक कर सकते हैं। अगर आप जॉब स्विच करते हैं तो इसके बाद ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। अगर आपके पास ट्रांसफर सर्टिफिकेट रहेगा तो नए एम्प्लॉयर से भी डील करना आसान होगा। साथ ही बैलेंस मिसमैच की शिकायतें घटेंगी।

इसके अलावा इससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी। मेंबर्स अब जानेंगे कि उनका पैसा कहां जा रहा है। विड्रॉल पर भी मेंबर्स का कंट्रोल होगा। इसके अलाव EPFO पर भी लोगों का ट्रस्ट बढ़ेगा। 

ओवरऑल, इस डिजिटल रिफॉर्म्स से EPFO मॉडर्न बनेगा। मेंबर्स का अपने खाते पर कंट्रोल आसान होगा। सेविंग्स को ट्रैक करना आसान होगा। जॉब चेंजर्स के लिए ट्रांसफर आसान होगा। अप्रूवल के लिए लेयर्स भी कम होगें। क्लेम सेटलमेंट फास्ट होंगा। कुल मिलाकर यह सिस्टम को आसान बनाएगा।

First Published - September 19, 2025 | 3:44 PM IST

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