भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के व्यापक उद्देश्य को देखते हुए क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(सीसीआईएल) डॉलर और रुपये (यूएसडी-आईएनआर) से परे मुद्राओं को जोड़ने तथा व्यापार और निपटान सेवाओं की सुविधा के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा स्थापित करने की संभावना देख सकता है।
रिजर्व बैंक रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए कई कदम उठा रहा है, जिसमें द्विपक्षीय मुद्रा व्यवस्थाएं रुपये में व्यापार के निपटान की व्यवस्था और विशेष वोस्त्रो खाते खोलने आदि जैसे कदम शामिल हैं। सीसीआईएल इस समयय सिर्फ डॉलर और रुपये में निपटान की सुविधा मुहैया कराता है। सीसीआईएल विदेशी मुद्रा क्लियरिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतरबैंक डॉलर-रुपया विदेशी मुद्रा व्यापार का गारंटीयुक्त निपटान की सुविधा देता है।
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इसके अलावा मल्होत्रा ने यह भी कहा कि नए ब्याज दर डेरिवेटिव्स प्रोडक्ट पेश किए जाने के साथ सीसीआईएल बाजार की मांग को पूरा कर सकेगा और इसकी जरूरत का पूर्वानुमान भी लगा सकेगा, साथ ही इसके लिए जरूरी बुनियादी ढांचा भी तैयार कर सकेगा।
मल्होत्रा ने सीसीआईएल की स्थापना के 25वें वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, ‘सीसीआईएल के लिए यह महत्त्वपूर्ण होगा कि वह फॉरेक्स रिटेल और आरबीआई रिटेल डायरेक्ट पर अपने उत्पाद और सेवा पेशकशों का निरंतर अन्वेषण और संवर्धन करे, जिससे ग्राहकों को बेहतर अनुभव के साथ सेवाएं मिल सकें और बेहतरीन व्यवस्थागत क्षमता सुनिश्चित हो सके।’