Indian Stock Market फिलहाल सरपट भाग रहा है। मंगलवार को इसकी वैल्यू पहली बार 4 लाख करोड़ डॉलर के पार निकल गई, जो दुनिया के पांचवें सबसे बड़े इक्विटी बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। इसके साथ ही भारत और हांगकांग के स्टॉक मार्केट के बीच का गैप कम हो गया है। बता दें कि हांगकांग का स्टॉक मार्केट तेजी से फिसल रहा है।
भारत के एक्सचेंजों पर लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (MCap) तीन साल से भी कम समय में 1 लाख करोड़ डॉलर बढ़ गया है, क्योंकि भारतीय शेयर बाजार दक्षिण एशिया के साथ-साथ उभरती दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में से एक के रूप में उभरा है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, पहले से ही ऑल टाइम हाई पर ट्रेड कर रहे Indian Stock Market के प्रमुख बेंचमार्क इस साल 13% से अधिक बढ़ गए हैं और लगातार आठवें वर्ष अभूतपूर्व लाभ की ओर बढ़ रहे हैं। इसके विपरीत, हांगकांग के प्रमुख इक्विटी बेंचमार्क में 17% की गिरावट आई है, जिससे बाजार का कुल मूल्य 4.7 लाख करोड़ डॉलर से भी कम हो गया है।
भारत इस साल की शुरुआत में चीन को पछाड़कर दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। राजनीतिक स्थिरता और मजबूत घरेलू विकास क्षमता का दावा करते हुए, भारत अपने पूंजी बाजारों के साथ-साथ औद्योगिक उत्पादन में वैश्विक निवेश बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
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विदेशी निवेशकों ने इस साल नेट बेसिस पर भारत में 15 अरब डॉलर से अधिक के शेयर खरीदे हैं, जबकि घरेलू फंडों ने 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। कोरोना महामारी के बाद से रिटेल ट्रेडिंग में आए उछाल से भी भारत में निवेश को बहुत अधिक बढ़ावा मिला है।
एक्सिस म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी आशीष गुप्ता ने एक नोट में कहा कि भारत एक उपभोग-उन्मुख अर्थव्यवस्था से उपभोग के साथ-साथ निवेश का नेतृत्व करने वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। बाजार ने देश की इस संभावित ताकत पर सकारात्मक और सही प्रतिक्रिया दी है।