facebookmetapixel
दिवाली से पहले सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली-एनसीआर में फिर गूंजेंगे ‘ग्रीन’ पटाखेDIIs ने 2025 में किया रिकॉर्ड निवेश, भारतीय बाजार में अब तक झोंके 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादातरुण गर्ग होंगे हुंडई मोटर इंडिया के नए एमडी एंड सीईओ, 1 जनवरी 2026 से संभालेंगे जिम्मेदारीTech Mahindra share: Q2 में मुनाफे पर चोट से शेयर 2% फिसला, निवेशक अब क्या करें; बेचें या होल्ड रखें?Gold silver price today: धनतेरस से पहले सोने के भाव ने फिर बनाया रिकॉर्ड, चांदी भी हुई महंगी; चेक करें आज के रेटIPO के बाद Tata Capital की पहली तिमाही रिपोर्ट जल्द, जानें तारीखUS Green Card: अमेरिकी ग्रीन कार्ड पाना होगा मुश्किल या आसान? ट्रंप सरकार जल्द ला सकती है नए नियमचीन और वियतनाम के समान हो PE टैक्स नियम, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की सरकार से मांगLG Electronics Share: बंपर लिस्टिंग के बाद भी ब्रोकरेज बुलिश, बोले – अभी 20% और चढ़ सकता है शेयरSamvat 2082 में पैसा बनाने का बड़ा मौका! एक्सपर्ट से जानें शेयर, MF और गोल्ड में निवेश के टिप्स

बाजार नियामक SEBI की सख्ती से फिनफ्लुएंसरों पर लगेगी लगाम, निवेशकों का बढ़ेगा भरोसा

म्युचुअल फंड, स्टॉक ब्रोकर और अन्य बिचौलियों जैसी नियमित इकाइयों को आदेश है कि वे सेबी के दायरे में न आने वाले फिनफ्लुएंसर के साथ न जुड़ें।

Last Updated- July 14, 2024 | 9:40 PM IST
SEBI

शेयरों की अनचाहीं सिफारिशों और सलाहकारों पर नकेल कसने की को​शिशों के तहत सेबी मई से अब तक करीब 20 गैर-कानूनी निवेश सलाहकारों को चेतावनी पत्र जारी कर चुका है। बाजार नियामक की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब वह पंजीकृत सलाहकारों और बिना किसी अनुमति के शेयरों की सिफारिशें करने वालों के बीच साफ साफ अंतर की कोशिश कर रहा है। सेबी अपंजीकृत सलाहकारों के साथ जुड़ाव पर लगाम लगाकर और एक्सचेंजों के जरिये सलाहकारों के लिए नई शुल्क-संग्रह व्यवस्था शुरू करके ऐसा कर रहा है।

जिन इकाइयों के खिलाफ चेतावनी जारी की गई है, वे इंस्टाग्राम हैंडल, अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, यूट्यूब, वेबसाइट और अन्य माध्यमों से काम कर रही थीं। अगर वे लोग बिना पंजीकरण के ऐसी सिफारिशें करते पाए जाते हैं, तो इन गतिविधियों को ‘बहुत गंभीर’ उल्लंघन मानते हुए नियामक ने कड़ा कदम उठाया है।

चेतावनी पत्रों में में कहा गया है ‘अगर भविष्य में आप सेबी अधिनियम-1992 के किसी भी प्रावधान/धारा, सेबी नियमन, नियम और उसके तहत जारी परिपत्रों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं, तो आपके खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकती है।’ बिजनेस स्टैंडर्ड ने ये चेतावनी पत्र देखे हैं।

बाजार नियमन के तहत शेयरों की अनुशंसाएं या वित्त और निवेश संबंधी सलाह देने के लिए शोध विश्लेषक (आरए) या पंजीकृत निवेश सलाहकार (आरआईए) के रूप में पंजीकरण की जरूरत होती है। म्युचुअल फंड, स्टॉक ब्रोकर और अन्य बिचौलियों जैसी नियमित इकाइयों को आदेश है कि वे सेबी के दायरे में न आने वाले फिनफ्लुएंसर के साथ न जुड़ें। नियामक के इस आदेश से स्पॉन्सर​शिप, गठजोड या रेफरल लिंक के जरिये कमीई करने वाले फिनफ्लुएंसरों पर असर पड़ेगा, क्योंकि प्रतिबंधों के कारण उनकी आय बंद हो सकती है।

सेबी ने शेयर बाजारों द्वारा प्रबंधित प्लेटफार्मों के जरिये शेयरों की अनुशंसाएं और निवेश सलाह देने के लिए अधिकृत लोगों को शुल्क का भुगतान करने के लिए नया तंत्र भी शुरू किया है। बीएसई एडमिनिस्ट्रेशन ऐंड सुपरविजन लिमिटेड को शुल्क संग्रह का काम सौंपा जाएगा। बीएएसएल वर्तमान में आरआईए के लिए निगरानी निकाय के रूप में काम करती है। निदेशक मंडल की 27 जून की पिछली बैठक में सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने कहा था कि यह कदम निवेशकों के बीच भरोसा स्थापित करने के लिए है ताकि वे केवल मान्यता प्राप्त सलाहकारों से ही जुड़ें।

अलबत्ता शुरुआती चरण में आरआईए और आरए के लिए यह व्यवस्था वैकल्पिक है। निवेशक शिक्षा की आड़ में शेयरों की सिफारिशें करने से फिनफ्लुएंसरों को रोकने के लिए सेबी ने कहा है कि केवल उन डिजिटल प्लेटफॉर्मों को ही छूट दी जाएगी या नियमित इकाइयों के साथ जुड़ने की अनुमति दी जाएगी, जिनके पास ‘निवारक और सुधार कार्रवाई’ के लिए कोई तंत्र है।

जे सागर एसोसिएट्स के साझेदार सिद्धार्थ मोदी ने कहा, ‘निवारक कार्रवाइयों में यह सत्यापित करना शामिल है कि केवल पंजीकृत और अधिकृत सलाहकार ही वित्तीय सलाह दे सकते हैं और अनधिकृत सलाह रोकने के लिए सामग्री की निरंतर निगरानी कर सकते हैं। सुधार की कार्रवाइयों में भ्रामक सलाह को तुरंत हटाना, उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाना और प्रभावित उपयोगकर्ताओं को संशोधन जारी करके किसी भी गलत सूचना को ठीक करना शामिल है।’

First Published - July 14, 2024 | 9:40 PM IST

संबंधित पोस्ट