facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

शेयर बाजार में हाहाकार! फरवरी बना सबसे बुरा महीना; 2,509 शेयर डूबे, निवेशकों के उड़े होश

शेयर बाजार की हालत मापने वाला एडवांस-डिक्लाइन रेशियो (ADR) 0.77 के स्तर पर है, जो मार्च 2020 के कोविड संकट के समय (0.72) के करीब है।

Last Updated- February 26, 2025 | 9:24 PM IST
Stock Market

फरवरी 2025 भारतीय शेयर बाजार के लिए अब तक का सबसे खराब महीना बनने की ओर बढ़ रहा है। इस महीने अब तक 2,509 शेयरों की कीमतें गिर चुकी हैं, जो जनवरी 2025 के पिछले रिकॉर्ड (2,354) को भी पीछे छोड़ चुका है। निवेशक परेशान हैं, बाजार में अफरा-तफरी मची हुई है और हर कोई यही सोच रहा है कि आखिर ये गिरावट कब रुकेगी?

बाजार में कमजोरी की लहर, हर तरफ बिकवाली का माहौल

शेयर बाजार की हालत मापने वाले एडवांस-डिक्लाइन रेशियो (ADR) का हाल भी बेहाल है। यह 0.77 के स्तर पर है, जो मार्च 2020 के कोविड संकट के समय (0.72) के करीब है। तीन महीने से यह 1 से नीचे चल रहा है, यानी ज्यादा कंपनियों के शेयर गिर रहे हैं, और चढ़ने वाले बहुत कम हैं।

अगर आप सोच रहे हैं कि ये कोई मामूली गिरावट है, तो ज़रा ये आंकड़ा देखिए – इस महीने गिरने वाले शेयरों की संख्या पिछले दो साल के औसत (2,043) से 23% ज्यादा है। मतलब साफ है – बाजार को किसी मजबूत सहारे की जरूरत है, वरना ये गिरावट और लंबी खिंच सकती है।

विदेशी निवेशकों ने भारत से पैसा निकालकर चीन में लगाया, बाज़ार को लगा झटका

अब सवाल उठता है – आखिर भारतीय बाजार इतना कमजोर क्यों हो रहा है? इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है विदेशी निवेशकों (FPI) का भारत से पैसा निकालकर चीन में लगाना। चीन का बाजार फिलहाल सस्ता और आकर्षक लग रहा है, इसलिए विदेशी निवेशक वहां अपना पैसा लगा रहे हैं और भारतीय बाजार को खाली छोड़ रहे हैं।

इस पर कमजोर कॉर्पोरेट नतीजों (सितंबर और दिसंबर तिमाही के) ने भी आग में घी डालने का काम किया। ऊपर से डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और बढ़ गई है। उनके कड़े व्यापारिक फैसलों से निवेशकों का भरोसा हिला है, और वे अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर भाग रहे हैं।

1.1 ट्रिलियन रुपये की बिकवाली, बाजार से 45.5 ट्रिलियन रुपये गायब

2025 की शुरुआत से ही विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से 1.1 ट्रिलियन रुपये निकाल लिए हैं। इसका नतीजा? बीएसई में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 45.5 ट्रिलियन रुपये घट गई, जो अब 396.5 ट्रिलियन रुपये पर आ गई है।

हालांकि, गिरावट के बावजूद बाजार के कुछ हिस्से अब भी काफी महंगे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के सीईओ प्रतीक गुप्ता ने कहा, “हम छोटे और मिडकैप स्टॉक्स को लेकर सतर्क हैं। उनकी कीमतें अब भी ज्यादा हैं, और हालिया गिरावट के बावजूद वे हमें सस्ते नहीं लग रहे।”

तो, सुधार कब होगा? क्या बाजार फिर से उठेगा?

विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक वैश्विक व्यापार विवाद शांत नहीं होते और अमेरिकी डॉलर कमजोर नहीं होता, तब तक बाजार पर दबाव बना रहेगा। लेकिन अगर भारत में निजी कंपनियों का निवेश बढ़ा, तो बाजार को सहारा मिल सकता है।

कुछ विश्लेषकों को उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2025 से) चुनिंदा सेक्टरों में खरीदारी लौट सकती है।

इक्विनॉमिक्स के संस्थापक चोक्कालिंगम जी ने कहा, “मार्च के अंत तक बिकवाली जारी रह सकती है, क्योंकि कई निवेशक अपना कैपिटल गेन टैक्स बचाने के लिए घाटे वाले शेयर बेचते हैं।”

First Published - February 26, 2025 | 9:20 PM IST

संबंधित पोस्ट