facebookmetapixel
50% अमेरिकी टैरिफ के बाद भारतीय निर्यात संगठनों की RBI से मांग: हमें राहत और बैंकिंग समर्थन की जरूरतआंध्र प्रदेश सरकार ने नेपाल से 144 तेलुगु नागरिकों को विशेष विमान से सुरक्षित भारत लायाभारत ने मॉरीशस को 68 करोड़ डॉलर का पैकेज दिया, हिंद महासागर में रणनीतिक पकड़ मजबूत करने की कोशिशविकसित भारत 2047 के लिए सरकारी बैंक बनाएंगे वैश्विक रणनीति, मंथन सम्मेलन में होगी चर्चाE20 पेट्रोल विवाद पर बोले नितिन गडकरी, पेट्रोलियम लॉबी चला रही है राजनीतिक मुहिमभारत को 2070 तक नेट जीरो हासिल करने के लिए 10 लाख करोड़ डॉलर के निवेश की जरूरत: भूपेंद्र यादवGoogle लाएगा नया फीचर: ग्रामीण और शहरी दर्शकों को दिखेगा अलग-अलग विज्ञापन, ब्रांडों को मिलेगा फायदाअब ALMM योजना के तहत स्वदेशी सोलर सेल, इनगोट और पॉलिसिलिकन पर सरकार का जोर: जोशीRupee vs Dollar: रुपया 88.44 के नए निचले स्तर पर लुढ़का, एशिया की सबसे कमजोर करेंसी बनीब्याज मार्जिन पर दबाव के चलते FY26 में भारतीय बैंकों का डिविडेंड भुगतान 4.2% घटने का अनुमान: S&P

Stock Market: शेयर बाजार हुए गुलजार, Sensex 539 अंक चढ़ा, Nifty 22 हजार के पार

Stock Market: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने साल में तीन बार ब्याज कटौती के संकेत दिए हैं

Last Updated- March 21, 2024 | 10:34 PM IST
Stock Market

Stock Market: देसी इक्विटी बाजारों ने गुरुवार को वैश्विक बाजारों की तेजी की राह पकड़ ली क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अनुमान से ज्यादा तेजी से वृद्धि की उम्मीद जताई है। साथ ही उधारी लागत घटाने की अपनी योजना के साथ बंधा नजर आया। सेंसेक्स 539 अंक चढ़कर 72,641 पर बंद हुआ। उधर, निफ्टी ने 173 अंकों की बढ़त के साथ 22,012 पर कारोबार की समाप्ति की। बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 5.7 लाख करोड़ रुपये चढ़ गया। व्यापक बाजारों ने उम्दा प्रदर्शन किया और निफ्टी स्मॉलकैप 100 व मिडकैप 100 करीब 2.5-2.5 फीसदी चढ़ा।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरें 5.25 फीसदी से 5.5 फीसदी के दायरे में अपरिवर्तित तरखी, जो 2001 के बाद का सर्वोच्च स्तर है और लगातार पांचवीं बैठक में ऐसा हुआ। लेकिन उन्होंने इस साल तीन बार ब्याज कटौती के अपने परिदृश्य को बरकरार रखा। हालिया महंगाई के बाद ब्याज दरों के परिदृश्य को लेकर संदेह था। हालांकि फेड प्रमुख जीरोम पॉवेल ने जोर दिया कि फेड के अधिकारी इस साल ब्याज कटौती की शुरुआत से पहले और सबूत देखना चाहेंगे कि महंगाई उनके 2 फीसदी के लक्ष्य की ओर जा रही है।

एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट ऑल्टरनेट स्ट्रैटिजिज के सीईओ एंड्यू हॉलैंड ने कहा, कीमत के दबाव के बावजूद फेड शांत नजर आया ​और निवेशकों ने इसे शांतिवादी रुख के तौर पर व्याख्यायित किया। साथ ही कुछ शॉर्ट कवरिंग भी हुई, जैसी कि कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे।

धातु शेयरों में उछाल आई और बीएसई मेटल इंडेक्स 2.7 फीसदी चढ़ा। पीएसयू शेयरों में भी सुधार आया और बीएसई सीपीएसई इंडेक्स 3.3 फीसदी उछला। दरों के प्रति संवेदनशील सूचना प्रौद्योगिकी शेयर चढ़े और निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ। विश्लेषकों ने पीएसयू व धातु शेयरों में बढ़त को हालिया गिरावट के बाद की तेजी बताया।

स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, हमने हाल में गिरावट देखी है और हमें नहीं पता कि यह कितना लंबा चलेगा। पीएसयू शेयरों खास तौर से रेलवे के शेयरों में काफी तेजी आई है और निवेशक तब खरीदारी करेंगे जब तेजी के बाद गिरावट आएगी।

विश्लेषकों के मुताबिक, अगले महीने से कंपनियों की आय घोषणा और चुनाव से संबंधित खबरें अल्पावधि में बाजार की दिशा तय करेगी। हॉलैंड ने कहा, अब से लेकर चुनाव के बीच अगर वैश्विक कारक सकारात्मक रहे तो हमारे बाजारों में भी तेजी आएगी। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात अनुकूल र हा और 2,749 शेयर चढ़े जबकि 1,076 में गिरावट आई।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, हमें लगता है कि बाजार में हुआ सुधार अगले कुछ दिन तक टिकेगा। मूल्यांकन सहजता और वृद्धि को लेकर स्पष्टता के मामले में लार्जकैप बेहतर स्थिति में हैं। हालांकि व्यापक बाजार में उतारचढ़ाव से इनकार नहीं ​किया जा सकता।

चार को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर गिरे। एचडीएफसी बैंक में 0.9 फीसदी का इजाफा हुआ​ और सेंसेक्स की बढ़त में इसका योगदान सबसे बड़ा रहा, जिसके बाद एलऐंडटी का स्थान रहा, जो 1.4 फीसदी चढ़ा। एनटीपीसी में 3.5 फीसदी, पावरग्रिड में 3.4 फीसदी का इजाफा हुआ और सेंसेक्स की बढ़त में इनका योगदान रहा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 1,827 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे, वहीं देसी संस्थागत निवेशकों ने भी 3,209 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की।

First Published - March 21, 2024 | 10:34 PM IST

संबंधित पोस्ट