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Stock market growth: दुनिया में सबसे ज्यादा दौड़े देश के छोटे व मझोले शेयर

वैश्विक एफटीएसई इंडेक्स को पछाड़ते हुए भारतीय मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने 2024 में क्रमश: 25.7% और 26.7% की वृद्धि दर्ज की

Last Updated- October 24, 2024 | 10:24 PM IST
Smallcaps steal a march over largecaps

भारतीय मिड और स्मॉलकैप सूचकांकों में तेजी कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान दुनिया भर में सबसे ज्यादा रही है। इस तरह उन्होंने न केवल वैश्विक एफटीएसई बेंचमार्कों की चमक को धुंधला कर दिया बल्कि दुनिया के अग्रणी शेयर बाजारों को भी पीछे छोड़ दिया। यह इसके बावजूद हुआ जब पिछले कुछ दिनों से भारत में स्मॉल और मिडकैप सेंगमेंटों में गिरावट आई है। इसकी वजह इनके भाव ज्यादा होना, भूराजनीतिक घटनाएं और जुलाई-सितंबर तिमाही के कंपनियों के नतीजों को लेकर घबराहट रही है।

एफटीएसई ग्लोबल मिडकैप इंडेक्स और एफटीएसई ग्लोबल स्मॉलकैप सूचकांकों में कैलेंडर वर्ष 2024 में क्रमश: 12 फीसदी व 9.3 फीसदी की तेजी आई है। लेकिन एफटीएसई ग्लोबल इंडिया स्मॉलकैप इंडेक्स ने 25.2 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ इन वैश्विक बेंचमार्क से उम्दा प्रदर्शन किया है। भारतीय मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने कैलेंडर वर्ष 2024 में क्रमश: 25.7 फीसदी व 26.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है।

एफटीएसई ग्लोबल मिड और स्मॉलकैप सूचकांक कई सूचकांकों का हिस्सा है। इसे निवेशकों को अपने अंतरराष्ट्रीय निवेश को बेंचमार्क करने में मदद के लिए बनाया गया है। इंडेक्स में दुनिया भर के मिड और स्मॉलकैप शेयर शामिल हैं। इसे एफटीएसई ग्लोबल इक्विटी इंडेक्स सीरीज से लिया गया है और इस सीरीज में दुनिया भर के निवेश योग्य बाजार पूंजीकरण का 99 फीसदी हिस्सा शामिल है।

मुख्य वैश्विक मिड-स्मॉल सूचकांकों में एफटीएसई जर्मनी मिडकैप इंडेक्स में कैलेंडर वर्ष 2024 में सबसे ज्यादा 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। एफटीएसई साउथ अफ्रीका मिडकैप इंडेक्स 14.6 फीसदी और एफटीएसई जापान मिड कैप इंडेक्स 10.7 फीसदी चढ़ा है जबकि एफटीएसई ग्लोबल ताइवान स्मॉलकैप में 12.1 फीसदी और एफटीएसई ग्रेटर चाइना स्मॉलकैप इंडेक्स में 6.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि मिडकैप और स्मॉलकैप के मुकाबले लार्जकैप के मौजूदा उम्दा प्रदर्शन का रुझान बने रहने की संभावना है। निवेशकों को मिड और स्मॉलकैप के पिटे हुए शेयरों को खरीदने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि इन दोनों सेगमेंट में अभी भी गिरावट की आशंकाएं बरकरार हैं, खास तौर से उनमें जिनके भाव अभी भी बढ़े हुए हैं। हालांकि कुछ चुनिंदा शेयरों में तीव्र सुधार आ सकता है।

आगामी तिमाही में आय में सुस्त वृद्धि की आशंका से विश्लेषकों ने भारत के मिड और स्मॉलकैप शेयरों में लिक्विडिटी के कारण हुई तीव्र वृद्धि को लेकर आगाह किया है। अप्रैल 2024 में बर्नस्टीन के विश्लेषकों ने आगाह किया था कि आय वृद्धि और शेयर कीमतों के बीच कोई तालमेल नहीं होने का नजारा स्मॉलकैप और मिडकैप सेक्टर में ज्यादा साफ दिखता है।

बर्नस्टीन के प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल गैरे ने अन्य विश्लेषक निखिल अरेला के साथ लिखे इस नोट में कहा था कि आय में अच्छी अपग्रेड वाले सेक्टर के शेयरों की कीमतों में अनुपात से ज्यादा तेजी आई है जिसकी वजह ज्यादा कीमत की उम्मीदें हैं। ज्यादातर क्षेत्रों के लिए यह अंतर आसानी से 30 फीसदी से अधिक है। वित्त वर्ष 25 के लिए पिछले तीन महीने में कोई आय अपग्रेड नहीं हुआ है, जबकि आईटी क्षेत्र के 50 फीसदी शेयरों में सकारात्मक रिटर्न दिख रहा है।

ऐंजल वन के तकनीकी और डेरिवेटिव शोध प्रमुख समीत चह्वाण ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मिडकैप में तेज गिरावट आई है और इसमें समर्थन का अहम स्तर टूट गया है। साथ ही आगे और गिरावट का संकेत मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अभी इस सेगमेंट में पिटे हुए शेयरों से दूर रहना चाहिए।

First Published - October 24, 2024 | 10:24 PM IST

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