Stock Market: विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली, भूराजनीतिक अनिश्चितता और अहम नतीजों से पहले घबराहट के बीच बेंचमार्क सूचकांकों में लगातार चौथे दिन आज गिरावट दर्ज हुई। तीन कारोबारी सत्रों में नुकसान झेलने के बाद गुरुवार को सेंसेक्स 529 अंक चढ़ गया था, लेकिन कारोबार समाप्त होने से पहले के कुछ घंटों में गहन बिकवाली का दबाव देखा गया। पश्चिम एशिया में भूराजनीतिक तनाव को लेकर चिंता और फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर कटौती में देरी के कयासों का भी सेंटिमेंट पर असर बरकरार रहा।
सेंसेक्स 455 अंक टूटकर 72,489 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 152 अंकों की फिसलन के साथ 21,996 पर टिका। दोनों सूचकांक 26 मार्च के बाद के अपने-अपने निचले स्तर पर बंद हुए। पिछली बार दोनों सूचकांकों में लगातार चार दिन तक 26 अक्टूबर, 2023 के बाद गिरावट आई थी।
गुरुवार को एफपीआई 4,260 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे, वहीं देसी संस्थानों ने 2,285 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। पिछले चार कारोबारी सत्रों में एफपीआई ने नकदी बाजार (इक्विटी) में 18,700 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। इक्विटी बाजारों में तनाव बढ़ रहा है, जिस पर फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर कटौती के समय आदि को लेकर कयास का असर पड़ रहा है।
निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं और सुदृढ़ आर्थिक वृद्धि और महंगाई को देखते हुए उन्हें ब्याज कटौती को लेकर अपने दांव का दोबारा आकलन करना पड़ रहा है। बाजार के प्रदर्शन पर असर डालने वाले तिमाही नतीजों का व्यग्रता से इंतजार हो रहा है क्योंकि अभी तक बाजार के लिए कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं।
भूराजनीतिक तनाव को लेकर चिंता एक बार फिर उभरी जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने कहा कि इजरायल अपने फैसले खुद लेगा और इरान के हमलों से खुद को सुरक्षित रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। नेतनयाहू ने यह बयान ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड कैमरन के साथ मुलाकात के बाद दिया। सप्ताहांत में ईरान ने इजरायल पर अप्रत्याशित हमला कर दिया क्योंकि उसे संदेह है कि दमिस्क में ईरान के वाणिज्यिक दूतावास में हुए हमले में वह देश शामिल है। हालांकि ज्यादातर मिसाइल को इजरायल की सेना ने बीच में ही रोक लिया।
भारतीय इक्विटी बाजार सात चरणों में हो रहे आगामी लोकसभा चुनाव पर भी नजर रखे हुए है, जो शुक्रवार से शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरा कार्यकाल मिलने की उम्मीद बाजार पहले ही जता चुका है, तथापि यह अनिश्चितता की एक परत जोड़ रहा है, जिससे निवेशकों को बीच घबराहट फैल रही है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, सत्र की शुरुआत में बाजार में कुछ राहत थी क्योंकि आईएमएफ ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अच्छा परिदृश्य सामने रखा था। हालांकि उतारचढ़ाव के बीच यह उच्च स्तर पर टिका नहीं रह पाया और चौथे कारोबारी सत्र में टूट गया।
अनिश्चित वैश्विक माहौल के कारण पिछले तीन दिन से हो रही बिकवाली ने सेंटिमेंट पर चोट की। कुल मिलाकर बिना किसी सकारात्मक संकेत के हमें बाजार में उतारचढ़ाव जारी रहने की आशंका है। इसके उलट आय के सीजन के बीच अब ध्यान शेयर विशेष पर रहेगा। आने वाले समय में निवेशक मौद्रिक नीति के अधिकारियों के बयान और जापान के महंगाई के आंकड़ों पर नजर अगले संकेत के लिए रखेंगे।
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, बाजार पहले ही अनुकूल आय और चुनाव के नतीजों का फायदा उठा चुका है। निराशा की संभावना ज्यादा है और हम आने वाले समय में कई सकारात्मक संकेत शायद ही देख पाएंगे।
चार को छोड़कर सेंसेक्स के सभी शेयर नुकसान के साथ बंद हुए। एचडीएफसी बैंक (जिसके नतीजे शनिवार को आएंगे) 0.98 फीसदी टूटा जबकि आईसीआईसीआई बैंक में 1.1 फीसदी की गिरावट आई। दोनों शेयरों ने सेंसेक्स के प्रदर्शन पर सबसे ज्यादा असर डाला। इस बीच, नेस्ले व टाइटन में भी 3-3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला-जुला रहा और 2,047 शेयर गिरे जबकि 1,761 में बढ़ोतरी दर्ज हुई।