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Stock Market Crash: निवेशकों के 15 लाख करोड़ रुपये डूबे, जापान में दरें बढ़ने से वै​श्विक बाजारों में उथल-पुथल

बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 42 फीसदी बढ़कर 20.4 पर पहुंच गया। इससे आने वाले दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव के संकेत मिलते हैं।

Last Updated- August 05, 2024 | 10:48 PM IST
Closing Bell: Due to profit booking, stock market slipped from record high, Sensex fell 264 points; Nifty closed at 26,178 मुनाफावसूली के चलते शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसला, Sensex 264 अंक टूटा; Nifty 26,178 पर बंद

Stock Market Crash: वै​श्विक वित्तीय तंत्र से व्यापक तौर पर जुड़ी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और जापान के घटनाक्रम से आज भी दुनिया भर के बाजारों में उथल-पुथल जारी रही। अमेरिका में रोजगार के कमजोर आंकड़ों से मंदी की आशंका बढ़ने और जापान में ब्याज दर बढ़ाए जाने से येन में कैरी ट्रेड बंद होने से दुनिया भर में शेयर, बॉन्ड और मुद्रा बाजार में अप्रत्या​शित गिरावट देखी गई।

सेंसेक्स कारोबार के दौरान 2,686 अंक या 3.3 फीसदी लुढ़कने के बाद थोड़ा संभला और 2,223 अंक या 2.7 फीसदी नुकसान के साथ 78,759 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 662 अंक नीचे 24,056 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों में 4 जून को लोक सभा चुनाव के नतीजे जारी होने के दिन के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है।

बाजार में भारी गिरावट आने से निवेशकों को 15.3 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है। बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले तीन कारोबारी सत्र में 20 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घटकर 442 लाख करोड़ रुपये (5.27 ट्रिलियन डॉलर) रह गया। हालांकि देसी बाजार में गिरावट ए​शियाई बाजारों की तुलना में कम रही। जापान का बाजार 12.4 फीसदी, द​क्षिण कोरिया 9 फीसदी और ऑस्ट्रेलियाई बाजार 3.7 फीसदी गिरावट पर बंद हुए। जापान और दक्षिण कोरिया में गिरावट इतनी तेज थी कि स्वचालित व्यापार बंद करने वाले सर्किट ब्रेकर सक्रिय हो गए थे।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 10,073 करोड़ रुपये के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 9,156 करोड़ रुपये की शुद्ध लिवाली की। अगर घरेलू निवेशकों की लिवाली का समर्थन नहीं मिलता तो बाजार में और गिरावट आ सकती थी। अमेरिका में शुक्रवार को आए रोजगार के आंकड़ों से पता चलता है कि वहां नियु​क्तियों में कमी आई है और बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 फीसदी पहुंच गई है जो तीन साल में सबसे ज्यादा है।

लगातार चौथे महीने बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है। बेरोजगारी बढ़ने से मंदी का डर भी सताने लगा है। अमेरिका में आ​र्थिक नरमी की चिंता से फेडरल रिजर्व द्वारा आपातकालीन ​स्थिति में ब्याज दर 50 आधार अंक घटाए जाने की उम्मीद भी बढ़ गई है। मौद्रिक नीति को सहज बनाने में पीछे रहने के लिए बाजार का एक वर्ग फेड की आलोचना भी कर रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि शेयरों में बिकवाली और बढ़ सकती है।

अवेंडस कैपिटल प​ब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘एक हफ्ते के अंदर ब्याज दर में नरमी से मंदी की आशंका तक के घटनाक्रम देखे गए हैं। यह देखना होगा कि क्या फेड घबराहट में जल्द कोई कदम उठाता है या नहीं। येन के कैरी ट्रेड के निपटान से भी निवेशकों में घबराहट बढ़ी है। अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंता के कारण भी बाजार में गिरावट आई है।’

जापान के केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरें बढ़ाए जाने से प्रमुख इ​क्विटी बाजारों से निकासी की चिंता बढ़ गई है। कैरी ट्रेड में निवेशक बाजार से कम ब्याज दर उधारी जुटाते हैं और विदेश में बेहतर यील्ड वाले शेयर और अन्य वित्तीय
संप​त्तियां खरीदते हैं।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘येन में मजबूती आई है जिससे कैरी ट्रेड का आकर्षण कम हो गया। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है क्योंकि यहां जापान के निवेशकों ने प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से काफी निवेश किया हुआ है। जब तक वै​श्विक हालात में सुधार नहीं होते हैं तब तक गिरावट पर खरीदारी का विचार नहीं करना चाहिए।’

बाजार में उठापटक मापने वाला सूचकांक इंडिया वीआईएक्स 42 फीसदी बढ़कर 20.4 पर पहुंच गया। इससे आने वाले दिनों में बाजार में और उतार-चढ़ाव के संकेत मिलते हैं।

हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार चाहता है कि फेड जल्दी से दर में कटौती करे और बैंक ऑफ जापान दर वृद्धि को वापस ले मगर केंद्रीय बैंक इतनी जल्दी कार्रवाई नहीं करते, इसलिए बाजारों में गिरावट देखी जा रही है।’सेंसेक्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर और नेस्ले इंडिया को छोड़कर सभी शेयर नुकसान में रहे। टाटा मोटर्स में सबसे ज्यादा 7.3 फीसदी गिरावट आई।

First Published - August 5, 2024 | 10:48 PM IST

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