इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) ने जुलाई में शानदार मासिक पूंजी प्रवाह दर्ज किया। इक्विटी बाजार में सकारात्मक निवेशक धारणा का लाभ उठाने के लिए नई फंड पेशकशों (एनएफओ) से भी उत्साह बढ़ा। इक्विटी-केंद्रित योजनाओं ने 22,583 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया, जो अगस्त 2017 के बाद से सर्वाधिक है। अगस्त 2017 में पूंजी प्रवाह 20,363 करोड़ रुपये पर दर्ज किया गया था।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल फ्लेक्सीकैप एनएफओ के जरिये परिसंपत्ति प्रबंधन उद्योग ने करीब 13,709 करोड़ रुपये जुटाए। मौजूदा इक्विटी फंडों ने भी मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में भारी तेजी के बावजूद लगातार निवेशक प्रवाह आकर्षित किया, भले ही लार्ज-कैप श्रेणी जुलाई में सपाट बनी रही। आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी ए बालासुब्रमण्यन का कहना है कि पूंजी प्रवाह विभिन्न श्रेणियों से आ रहा है और एसआईपी में ठहराव भी अब दूर हो रहा है।
बालासुब्रमण्यन ने कहा, ‘मेरा मानना है कि वैकल्पिक निवेश अवसर अब काफी कम रह गए हैं और इसकी वजह से निवेशक इक्विटी में बड़ा निवेश करने को इच्छुंक हो रहे हैं। इक्विटी फंडों में लगातार प्रवाह के लिए यह मुख्य कारणों में से एक है।’ पिछले पांच महीनों में, इक्विटी फंडों ने 51,207 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया, जो पूर्ववर्ती सात महीनों के दौरान दर्ज की गई निकासी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन है। फ्लेक्सीकैप श्रेणी में 11,508 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया, जिसके बाद सेक्टोरल फंडों का योगदान रहा जिनमें 5,728 करोड़ रुपये का शुद्घ प्रवाह आकर्षित हुआ। वैल्यू फंडों और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) ने इक्विटी श्रेणी में शुद्घ पूंजी निकासी दर्ज की।
फंडसइंडिया के शोध प्रमुख अरुण कुमार का कहना है, ‘कम खर्च की वजह से पिछले साल ऊंची बचत करने वाले ज्यादातर निवेशक फिर से बाजार में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। दूसरी लहर में नरमी, इक्विटी से मजबूत प्रतिफल से भी बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।’ इक्विटी योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार से निवेशकों से मजबूत निवेश भागीदारी को बढ़ावा मिला है। पिछले एक साल में, औसत लार्जकैप फंडों ने 46.5 प्रतिशत का प्रतिफल दिया, जबकि मिडकैप ऑर स्मॉलकैप फंडों ने 71 प्रतिशत तथा 98 प्रतिशत का प्रतिफल दिया।
एसआईपी के जरिये भी निवेश जून के मुकाबले जुलाई में बढ़ा था। जुलाई में एसआईपी का योगदान 9,609 करोड़ रुपये रहा, जो जून में 9,155 करोड़ रुपये था। एसआईपी एयूएम बढ़कर 5.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। जुलाई, 2021 के दौरान नए एसआईपी पंजीकरण 23.7 लाख रहे, जो इस उद्योग में सर्वाधिक पंजीकरण है। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, ‘आरबीआई के अनुकूल रुख, मजबूत आय वृद्घि, टीकाकरण-केंद्रित कोविड महामारी नियंत्रण और वैश्विक तथा घरेलू तरलता से इक्विटी बाजारों में ऐतिहासिक तेजी को बढ़ावा मिला। इसे ध्यान में रखते हुए छोटे निवेशक भी इक्विटी तेजी में भागीदार बन रहे हैं और वे काफी हद तक म्युचुअल फंड एसआईपी के जरिये दांव लगा रहे हैं।’ इक्विटी फंडों के अलावा, हाइब्रिड और अन्य योजनाओं (जिनमें देश से बाहर निवेश करने वाले पैसिव और फंड ऑफ फंड भी शामिल हैं) ने 19,481 करोड़ रुपये और 10,084.16 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह आकर्षित किया। हाइब्रिड योजनाओं के तहत, आर्बिट्राज फंडों ने जुलाई में 14,924 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह दर्ज किया। डेट-आधारित योजनाओं ने भी जुलाई में करीब 73,694 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह आकर्षित किया।
