Stock Market Closing Bell, 15 September 2025: एशियाई बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (15 सितंबर) को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इस सप्ताह ब्याज दरों पर फैसले से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दर घटा सकता है।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 20 अंक की मामूली बढ़त लेकर 81,925.51 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह हरे और लाल निशान में झूलता रहा। अंत में यह 118.96 अंक या 0.15 फीसदी की गिरावट लेकर 81,785.74 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी50 (Nifty50) भी बढ़त के साथ 25,118.90 पर खुला लेकिन फिर लाल निशान में चला गया। कारोबार के दौरान यह 44.80 अंक या 0.18 फीसदी गिरकर 25,069 पर सेटल हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ”फेड की नीति बैठक से पहले निवेशकों के सतर्क रहने के कारण बेंचमार्क इंडेक्स में लगभग कोई बदलाव नहीं हुआ। पिछले हफ़्ते की तेज़ी के बाद आईटी इंडेक्स में मुनाफावसूली देखी गई। हालांकि 25-बीपीएस की दर कटौती को काफी हद तक ध्यान में रखा गया है। लेकिन बॉन्ड यील्ड की दिशा का अंदाजा लगाने के लिए बाजार भविष्य की दरों के बारे में गाइडेंस का इंतज़ार कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”मजबूत घरेलू खपत ने धारणा को सहारा दिया है और गिरावट को सीमित किया है। जबकि व्यापार सौदों के बारे में नए सिरे से आशावाद और वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में अपेक्षित आय में सुधार से निवेशकों के विश्वास को और समर्थन मिल रहा है।”
सेंसेक्स की कंपनियों में सबसे ज़्यादा गिरने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन और इंफोसिस शामिल हैं। दूसरी तरफ, बजाज फाइनेंस, इटरनल (जोमाटो), अल्ट्राटेक सीमेंट और रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। हालांकि, ब्रोडर मार्केट में पॉजिटिव माहौल देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमशः 0.44 प्रतिशत और 0.76 प्रतिशत बढ़कर बंद हुए।
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी रियल्टी इंडेक्स (Nifty Realty Index) सबसे ज़्यादा 2.41 प्रतिशत चढ़ गया। दूसरी ओर, निफ्टी आईटी इंडेक्स में 0.58 प्रतिशत और निफ्टी फार्मा में 0.64 प्रतिशत की गिरावट आई।
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 0.52 फीसदी हो गई। जुलाई में यह -0.58 फीसदी थी। अगस्त में महंगाई बढ़ने की वजह खाने-पीने के उत्पादों, विनिर्माण वस्तुओं, गैर-खाद्य पदार्थों, गैर-धातु खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी रही।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती और इस महीने वस्तु एवं सेवा कर (GST) को रेशनलाइज बनाए जाने को लेकर आशावाद के बावजूद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) ने भारतीय शेयरों में बिकवाली जारी रखे हुए हैं।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में अब तक एफपीआई ने 10,782 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। सितंबर 2024 के अंत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद यह बिकवाली तेज हुई। अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 के बीच एफपीआई ने भारतीय बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये निकाले।
एशियाई बाजारों में सोमवार को मिलाजुला रुख देखने को मिला। निवेशक स्पेन में अमेरिका-चीन वार्ता पर नजर रखे हुए थे और बीजिंग से प्रमुख आर्थिक आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे थे। चीन सोमवार को रिटेल बिक्री, फिक्स्ड एसेट इन्वेस्टमेंट और शहरी बेरोजगारी दर के आंकड़े जारी करेगा।
जापान का निक्की इंडेक्स 0.8 प्रतिशत ऊपर था, जबकि टॉपिक्स 0.4 प्रतिशत चढ़ गया था। वहीं, एएसएक्स 200 0.25 प्रतिशत गिरा जबकि कोस्पी 0.16 प्रतिशत बढ़ा।
इस सप्ताह की फेडरल रिजर्व नीति बैठक से पहले एशियाई कारोबार के शुरुआती दौर में अमेरिकी इक्विटी फ्यूचर्स स्थिर रहा। निवेशकों ने बुधवार को दो दिवसीय बैठक समाप्त होने पर ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद जताई है।
वॉल स्ट्रीट पर शुक्रवार को नैस्डैक कंपोजिट ने एक और रिकॉर्ड हाई दर्ज किया। यह लगातार दूसरे सप्ताह 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अगस्त की शुरुआत के बाद से इसका बेस्ट वीकली प्रदर्शन है। जबकि डॉव में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इससे दो सप्ताह की गिरावट का सिलसिला टूट गया।