म्युचुअल फंड (एमएफ) निवेशकों ने दिसंबर में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खातों से 11,140 करोड़ रुपये की निकासी की। बाजार में तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की। इसी के साथ एसआईपी से भी निवेशकों ने निवेश निकाला।
पिछले महीने इक्विटी बाजार ने 18 महीने में अपना सबसे मजबूत मासिक प्रदर्शन दर्ज किया था और सेंसेक्स में 7.8 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त दर्ज की गई। पिछले महीने निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 7 प्रतिशत बढ़ा था और इसके साथ ही इसकी दो महीने की तेजी बढ़कर 20 प्रतिशत पर पहुंच गई।
एसआईपी खातों से 11,140 करोड़ रुपये की निकासी अप्रैल 2021 के बाद से सर्वाधिक है। अप्रैल 2021 में म्युचुअल फंडों के संगठन एम्फी ने इससे संबंधित आंकड़े जारी करने शुरू किए थे। फंड अधिकारियों का कहना है कि जब जब बाजार में तेजी आती है, निकासी भी बढ़ती है। उनका मानना है कि यदि एसआईपी निवेशकों के बीच यह रुझान रहता है तो इससे समस्या हो जाएगी।
मिरई ऐसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) के उपाध्यक्ष एवं मुख्य कार्याधिकारी स्वरूप मोहंती ने कहा, ‘अब हर बार बाजार चढ़ने पर निवेशकों का एक वर्ग एसआईपी खातों में मुनाफावसूली करता है। यह दृष्टिकोण एसआईपी की अवधारणा के खिलाफ है, क्योंकि ऐसे निवेश में नजरिया दीर्घावधि का होना चाहिए।’
टाटा एएमसी के प्रमुख (इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स, बैंकिंग, अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट्स ऐंड प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी) आनंद वरदराजन ने कहा, ‘मुझे इसकी एकमात्र संभावित वजह मुनाफावसूली दिखती है। प्रतिफल के हिसाब से दिसंबर अच्छा महीना था। अच्छे प्रतिफल के समय लोग मुनाफावसूली पर जोर देते हैं, जो अच्छी बात नहीं है, क्योंकि एसआईपी लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त हैं।’
कुछ वितरकों और फंड अधिकारियों ने कहा है कि एसआईपी में हुई निकासी की वजह वर्ष के अंत में छुट्टियां भी हो सकती हैं, क्योंकि इस समय ज्यादातर लोग घूमने जाते हैं।
एसआईपी खातों से निकासी 2023 के मई और जुलाई के दौरान भी ऊंची रही। उस समय भी बाजार नई ऊंचाइयां छू रहा था। इनमें हरेक महीने में एसआईपी निवेशकों ने 9,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।
कुल मिलाकर म्युचुअल फंडों ने कैलेंडर वर्ष 2023 में 85,870 करोड़ रुपये का शुद्ध एसआईपी प्रवाह आकर्षित किया जबकि एसआईपी प्रवाह 1.8 लाख करोड़ रुपये था। एम्फी के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 2022 में म्युचुअल फंडों ने 1.5 लाख करोड़ रुपये का सकल एसआईपी निवेश हासिल किया था जबकि शुद्ध स्तर पर यह 78,700 करोड़ रुपये रहा।
दिसंबर में, उद्योग ने इक्विटी फंड योजनाओं (एसआईपी और एकमुश्त दोनों के लिहाज से) में निवेश और निकासी दोनों में बड़ी वृद्धि दर्ज की। जहां निवेशकों ने पहली बार 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की सकल खरीदारी की, वहीं निकासी भी 33,670 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गई। सक्रिय इक्विटी योजनाओं में शुद्ध पूंजी प्रवाह 16,997 करोड़ रुपये रहा।