Zomato share price: ऑनलाइन माध्यम से फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो (Zomato) के शेयर मंगलवार (21 जनवरी) को शुरुआती कारोबार में 9 फीसदी तक फिसल गए। कंपनी के शेयरों में यह गिरावट एक दिन पहले दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद आई है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की दिसंबर तिमाही में कंपनी का मुनाफा 59 करोड़ रुपये रहा। सालाना आधार पर इसमें 57.3% गिरावट आई है। एक साल पहले की इसी तिमाही में यह 138 करोड़ रुपये था।
दूसरी तरफ, घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी जा रही है। बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार (21 जनवरी) को पॉजिटिव शुरुआत के बावजूद गिरावट में चले गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद बाजार में अस्थिरता आई है। हालांकि, शेयर में गिरावट के बावजूद ज्यादातर ब्रोकरेज फर्म जोमैटो (Zomato) को लेकर बुलिश है। ब्रोक्रेजीज ने 30 फीसदी तक के रिटर्न के लिए शेयर को लॉन्ग टर्म लिहाज से खरीदने की सलाह दी है।
ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने जोमैटो पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर बरकरार रखते हुए 270 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। इस तरह स्टॉक सोमवार के क्लोजिंग भाव से 13% का अपसाइड दिखा सकता है। गुरुवार को शेयर 240 रुपये पर बंद हुआ था।
ब्रोकरेज का कहना है कि जोमैटो का फूड डिलीवरी बिजनेस स्टेबल है। जबकि ब्लिंकइट (Blinkit) रिटेल, ग्रोसरी और ई-कॉमर्स जैसी इंडस्ट्रीज के डिस्क्रप्शन में भाग लेने का जनरेशनल मौका देता है। 270 रुपये का हमारा डिस्काउंटेड कैश फ्ल (DCF) आधारित वैल्यूएशन मौजूदा कीमत से 13% अधिक का सुझाव देता है। हम स्टॉक पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर बरकरार रख रहे है।
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ब्रोकरेज फर्म नुवामा (Nuvama) ने भी जोमैटो पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर बरकरार रखा है। हालांकि, ब्रोकरेज ने शेयर पर अपने लॉन्ग टर्म टारगेट को घटाकर 300 रुपये कर दिया है। पहले यह 325 रुपये था। इस तरह स्टॉक सोमवार के क्लोजिंग भाव से 25 % का अपसाइड दिखा सकता है। गुरुवार को शेयर का क्लोजिंग प्राइस 240 रुपये था।
ब्रोकरेज का कहना है कि ब्लिंकिट डार्क स्टोर की बढ़ोतरी उम्मीदों से कहीं अधिक है। इससे तेजी से ग्रोथ हो रहा है जबकि स्टोर खोलने के लिए हाई लागत के कारण शार्ट टर्म में प्रॉफिटेबिलिटी प्रभावित हो सकती है। हालांकि, ये नए स्टोर आने वाली तिमाही के दौरान प्रॉफिटेबिलिटी में इजाफा करेंगे। ऐसे में हम जोमैटो पर अपनी ‘BUY’ रेटिंग को बरकरार रखते हैं। साथ ही टारगेट प्राइस को 325से घटाकर 300 रुपये कर रहे हैं।
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ब्रोकरेज जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) ने लॉन्ग टर्म में गेन की उम्मीद जताते हुए जोमैटो को खरीदने की सलाह दी है। इसके लिए ब्रोकरेज ने 280 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह स्टॉक सोमवार (20 जनवरी) के क्लोजिंग भाव से 17% का अपसाइड दिखा सकता है। गुरुवार को शेयर 240 रुपये के भाव पर बंद था।
ब्रोकरेज ने कहा कि ब्लिंकिट की प्रॉफिटेबिलिटी ट्रेंड में शार्ट टर्म की अनिश्चितताओं के कारण स्टॉक पर दबाव हो सकता है। ऐसे में हम लॉन्ग टर्म निवेशकों को बड़े पैमाने पर पोजीशन बनाए रखने के मौका का फायदा उठाने की सलाह देते है।
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ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने 310 रुपये के लॉन्ग टर्म टारगेट प्राइस के साथ जोमैटो पर ‘BUY’ रेटिंग दी है। इस तरह स्टॉक सोमवार के क्लोजिंग भाव से 30% का अपसाइड दिखा सकता है। गुरुवार को शेयर 240 रुपये पर बंद हुआ था।
ब्रोकरेज का कहना है कि स्टोर्स की संख्या बढ़ाने की वजह से कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर असर पड़ा है। हालांक, जोमैटो को लेकर हमारा लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत बना हुआ है और हम 310 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ शेयर को खरीदने की सलाह देते है।
जोमैटो के शेयर मंगलवार (21 जनवरी) को इंट्रा-डे ट्रेड में 9 फीसदी से ज्यादा गिर गए। जबकि सोमवार को यह 3% से ज्यादा गिरकर 240 रुपये पर बंद हुए थे। पिछले कुछ समय से स्टॉक की परफॉर्मेंस अच्छी नहीं है। बीते तीन महीने में जोमैटो 20% से ज्यादा गिर चुका है जबकि पिछले एक महीने के दौरान शेयर में 25% तक की गिरावट आई है। वहीं, पिछले एक साल की तुलना में स्टॉक लगभग 60% का रिटर्न दे चुका है। स्टॉक का 52 वीक हाई 304 रुपये और 52 वीक लो 128.10 रुपये है। बीएसई पर इसका टोटल मार्केट कैप 2,04,876.94 रुपये है।
ऑनलाइन ऑर्डर पर खाना पहुंचाने वाली कंपनी जोमैटो का नेट प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एक साल पहले के मुकाबले 57 फीसदी घटकर 59 करोड़ रुपये रहा गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह 138 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही के 176 करोड़ रुपये मुकाबले कंपनी के शुद्ध लाभ में 66.5 फीसदी गिरावट आई है।
समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 64 फीसदी बढ़कर 5,405 करोड़ रुपये हो गया है, जो बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 3,288 करोड़ रुपये था। इससे पहले की तिमाही (दूसरी तिमाही) में कंपनी का रेवेन्यू 4,799 करोड़ रुपये था।
प्रॉफिटेबिलिटी के मोर्चे पर कंपनी का कंसोलिडेट एबिटा एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 128 फीसदी बढ़कर 285 करोड़ रुपये रहा। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एबिटा में वृद्धि फूड डिलिवरी में आए सुधारों के कारण रही। मगर दूसरी तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में सेमिकत एबिटा में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी ने कहा कि फूड डिलिवरी मार्जिन में सुधार के बावजूद क्विक कॉमर्स स्टोर नेटवर्क में विस्तार के कारण तिमाही के दौरान एबिटा में गिरावट दर्ज की गई।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेजीस ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)