विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन आइडिया (वी) के हाल में संपन्न हुए 18,000 करोड़ रुपये के एफपीओ ने दूरसंचार क्षेत्र को ताकत प्रदान की है, क्योंकि इससे कंपनी के ग्राहक नुकसान को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एक विश्लेषक रिपोर्ट में कहा है, ‘जहां इस एफपीओ से वी को मौजूदा चिंताओं से बाहर निकलने में मदद मिली है, वहीं इससे पूरे दूरसंचार क्षेत्र में भी उत्साह बढ़ा है।’
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि दूरसंचार कंपनी को जल्द ही शुल्क बढ़ाने की जरूरत होगी।
इसमें कहा गया है, ‘पिछले दो वर्षों के दौरान भारती एयरटेल द्वारा की गईं कई शुल्क वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इसकी संभावना बढ़ गई है कि यदि वोडाफोन आइडिया द्वारा दरें बढ़ाई जाती हैं तो प्रतिस्पर्धी कंपनी भी ऐसा कदम उठा सकती है। आगामी वर्षों में आईपीओ लाने की योजना बना रही जियो भी इस अवसर को गंवाना नहीं चाहेगी और अपना मुनाफा बढ़ाने तथा नियोजित पूंजी पर प्रतिफल बढ़ाने पर जोर देगी।’
भारत में अब तक के इस सबसे बड़े एफपीओ में 11 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 1,636 करोड़ शेयर जारी किए गए। गुरुवार को अपनी सूचीबद्धता के बाद से वी का शेयर भाव एटीसी टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा पूरी 2.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की वजह से दबाव में रहा और शुक्रवार को 13.45 रुपये पर बंद हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि वी द्वारा कोष जुटाने के ताजा राउंड से ग्राहकों द्वारा कंपनी को छोड़ने की रफ्तार पर विराम लग सकता है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि वी द्वारा कोष जुटाने से, उसकी प्रतिस्पर्धियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल के लिए ग्राहक बाजार भागीदारी कुछ हद तक नरम पड़ सकती है।
वैश्विक निवेश बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा फर्म यूबीएस ने वी को तटस्थ (Nutral) रेटिंग दी है। अन्य विश्लेषकों का मानना है कि वी की कमजोरी से दूरसंचार क्षेत्र की चाल कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है।
वित्तीय सेवा फर्म मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि क्षेत्र के लिए दीर्घावधि परिदृश्य मजबूत बना हुआ है, क्योंकि बाजार समेकन से सिर्फ दो मजबूत कंपनियों के लिए 5जी और दर वृद्धि का लाभ उठाने का मौका बना हुआ है।