अनिल अग्रवाल के स्वामित्व वाली वेदांत लिमिटेड ने बुधवार को अपनी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक की 1.6 फीसदी हिस्सेदारी (6.67 करोड़ शेयर) बेचकर 3,028 करोड़ रुपये जुटाए। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी। बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिये संस्थागत निवेशकों को ये शेयर बेचे गए। कंपनी ने बताया कि वेदांत के निदेशक मंडल की बैठक बुधवार को हुई और बोर्ड ने वित्त वर्ष 26 के लिए 7 रुपये प्रति शेयर के पहले अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी, जिस पर 2,737 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
हिंदुस्तान जिंक का शेयर एनएसई पर 6.90 फीसदी गिरकर 452.80 रुपये पर बंद हुआ और इस तरह से कंपनी का कुल मूल्यांकन 1.91 लाख करोड़ रुपये रहा। लेनदेन से पहले वेदांत के पास कंपनी की 63.42 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अब घटकर 61.82 फीसदी रह गई है।
कंपनी ने कहा कि हिस्सेदारी बिक्री वेदांत की व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत कारोबार को क्षेत्र विशेष की इकाई के तौर पर अलग किया जाना है और इससे मिली रकम का इस्तेमाल बैलेंस शीट की मजबूती में किया जाएगा।
कंपनी ने एक बयान में कहा, जैसे जैसे हम वेदांत को विभिन्न क्षेत्रों में सेक्टर केंद्रित कंपनियों में विभाजित करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, पूंजी जुटाने की इस कवायद से बैलेंस शीट को बेहतर बनाने और वित्तीय लचीलेपन बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे अलग होने वाली हर कंपनी अपनी स्वतंत्र वृद्धि योजनाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम होगी।
कंपनी ने कहा, यह लेनदेन वेदांत की रणनीतिक दिशा में निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है, विशेष रूप से रिकॉर्ड उत्पादन, लागत दक्षता बढ़ाने और सभी हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन के मकसद से इसकी डीलिवरेजिंग और डीमर्जर पहल के क्रियान्वयन में हाल की तिमाहियों में हुई प्रगति को दर्शाता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि लाभांश भुगतान की तारीख 24 जून, 2025 होने की संभावना है। एनएसई पर कंपनी का शेयर 0.64 फीसदी की गिरावट के साथ 456 रुपये पर बंद हुआ।