विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की भारी खरीदारी और इस उम्मीद में बेंचमार्क सूचकांकों में गुरुवार को बढ़ोतरी दर्ज हुई कि अमेरिका की तरफ से जवाबी टैरिफ कम से कम होगा। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने बिना शुल्क वाले व्यापार समझौते की पेशकश की है। बेंचमार्क सेंसेक्स 1,200 अंक यानी 1.5 फीसदी की बढ़त के साथ 82,531 पर बंद हुआ। इस बीच, निफ्टी सात महीने बाद 25,000 अंक के पार चला गया और 395 अंक यानी 1.6 फीसदी की बढ़त के साथ 25,062 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 5.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 440 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एफपीआई गुरुवार को 5,393 करोड़ रुपये के शुद्ध खरीदार रहे, जो 24 अप्रैल के बाद की उनकी सबसे बड़ी एकदिवसीय खरीदारी है, वहीं देसी संस्थान 1,669 करोड़ रुपये के शुद्ध बिकवाल रहे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ न लगाने की पेशकश की है। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के बाद भारत अमेरिका के साथ बातचीत करने वाले शुरुआती देशों में से एक था।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट ने कहा, बाजार कहीं से अच्छी खबर की उम्मीद कर रहा था। इससे पहले सप्ताह के शुरू में बाजार भारत और पाकिस्तान के संघर्ष विराम का जश्न मना रहा था। उसके बाद अमेरिका-चीन व्यापार शुल्क समझौते से गिरावट आई। बाजार ट्रंप के दावे को अमेरिका के साथ शुल्क के मसले और बेहतर व्यापार शर्तों के समाधान के रूप में देख रहा है। शुल्क वार्ता में महीनों लग जाते हैं और हमें बारीकियों को समझने में समय लगेगा। फिलहाल यह एक शॉर्ट कवरिंग से होने वाली तेजी जैसी लग रहा है।
कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि भारत के शून्य टैरिफ से अमेरिका भी भारतीय उत्पादों पर शून्य या लगभग शून्य टैरिफ लगाएगा। इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम जी कहा, यह दोनों पक्षों के लिए फायदे की स्थिति होगी क्योंकि जिन उत्पादों में हमारी विशेषज्ञता है, उनमें से अधिकांश में अमेरिका को लागत का लाभ नहीं है। अमेरिकी आयात में ज्यादातर लक्जरी उत्पाद होते हैं। शून्य टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह उतार-चढ़ाव भरा सप्ताह रहा। इसकी शुरुआत भारत-पाक संघर्ष विराम की खुशी के साथ हुई।