सन फार्मा के प्रमोटर दिलीप सांघवी ऐंड एसोसिएट्स ने Suzlon Energy के साथ फरवरी 2020 में साइन किए गए शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट को खत्म कर दिया है। कंपनी ने बताया कि ऐसा समझौतों की शर्तों के मुताबिक किया गया है। एक्सपर्ट उम्मीद जता रहे हैं कि इस फैसले के बाद रिन्यूबल एनर्जी सॉल्यूशन्स प्रोवाइडर सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है।
कंपनी के इन्वेस्टर ग्रुप दिलीप सांघवी ऐंड एसोसिएट्स ने 28 फरवरी, 2020 को कंपनी और प्रमोटरों के साथ एक समझौता किया था। कंपनी ने कहा है कि यह करार शर्तों के मुताबिक खत्म हुआ है और इससे कंपनी के बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि इस एग्रीमेंट के खत्म होने के साथ ही सुजलॉन एनर्जी के नॉमिनी डॉयरेक्टर हितेन टिंबाडिया ने बोर्ड से 26 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में विंड एनर्जी के बिजनेस से जुड़ी कंपनी सुजलॉन ने 100 करोड़ इक्विटी शेयर, 4.1 लाख तक 0.01 प्रतिशत सिक्योर्ड, 1 लाख रुपये के ऑप्शनल कन्वर्टिबल डिबेंचर और 1 रुपये के 50 करोड़ वारंट तक जारी किए थे। इसके लिए कंपनी के बोर्ड ने जून 2019 के RBI सर्कुलर के तहत मंजूरी दी थी।
विंड एनर्जी कंपनी और दिलीप सांघवी ऐंड एसोसिएट्स के बीच करार टूटने के बाद सुजलॉन के शेयरों में मामूली गिरावट देखने को मिली। BSE पर सुबह 9: 38 बजे कंपनी के शेयरों में 1.66 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। वहीं, NSE पर इसके शेयरों में 1.73 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली।
सुजलॉन समूह ने शुक्रवार यानी 22 सितंबर को कहा कि उसे महाराष्ट्र में ब्राइटनाइट से 29.4 मेगावाट विंड एनर्जी प्लांट स्थापित करने का नया ऑर्डर मिला है।
सुजलॉन ग्रुप ने एक बयान में कहा कि यह क्षमता महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में ब्राइटनाइट की 100 मेगावाट की पवन-सौर हाइब्रिड परियोजना का हिस्सा है।
ऑर्डर वैल्यू का खुलासा किए बिना कहा गया था, ‘सुजलॉन हाइब्रिड जाली ट्यूबलर टावर और 2.1 मेगावाट की रेटेड क्षमता के साथ एस120 140 मीटर पवन टरबाइन जेनरेटर की 14 यूनिट्स स्थापित करेगा।’