Auto stocks slump on Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) द्वारा अप्रैल से ऑटो आयात (Auto Imports) पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद गुरुवार सुबह के कारोबार में ऑटो शेयरों (Auto Stocks) में गिरावट देखने को मिली। सबसे ज्यादा दबाव टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयरों पर देखा गया। टाटा मोटर्स के शेयर 6.58% टूटकर BSE पर ₹661.35 पर आ गए। अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) में 4.60% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के शेयर 1.70% फिसले। बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के शेयरों में 1.48% और अपोलो टायर्स (Apollo Tyres) में 1.41% की गिरावट देखी गई।
टाटा मोटर्स ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता जैगुआर लैंड रोवर (JLR) की मालिक है, जिसकी सबसे बड़ी मार्केट नॉर्थ अमेरिका है। हालांकि, JLR का इस क्षेत्र में कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है और वह अपने वाहन यूके और स्लोवाकिया में स्थित प्लांट्स से निर्यात करता है। ट्रंप द्वारा अमेरिका में विदेशी कारों पर 25% टैरिफ लगा दिया गया है। इस कारण से अमेरिका में अब जैगुआर लैंड रोवर के दाम बढ़ जाएंगे।
ट्रंप के टैरिफ के झटके से BSE ऑटो इंडेक्स 0.86 प्रतिशत गिरकर 48,286.47 पर ट्रेड कर रहा था। आयातित वाहनों पर ट्रंप के टैरिफ की घोषणा से भारतीय वाहन कलपुर्जों व घटक विनिर्माताओं (auto components and equipment firms) पर उनके वाहन विनिर्माता समकक्षों की तुलना में ज्यादा असर पड़ने की आशंका है।
ऑटो कंपोनेंट और उपकरण कंपनियों में संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल में 7.59% की गिरावट आई, सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स में 6.69%, भारत फोर्ज में 4.28% और एएसके ऑटोमोटिव लिमिटेड में 1.82% की गिरावट आई।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को ऑटो आयात (Auto Imports) पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की। व्हाइट हाउस का कहना है कि इस कदम से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि इससे उन ऑटो कंपनियों पर वित्तीय दबाव भी बढ़ सकता है जो ग्लोबल सप्लाई चेन पर निर्भर हैं।
व्हाइट हाउस का अनुमान है कि ये टैरिफ हर साल 100 अरब डॉलर का रेवेन्यू जुटाएंगे, लेकिन यह प्रक्रिया जटिल हो सकती है क्योंकि अमेरिकी ऑटो कंपनियां भी अपने कई कंपोनेंट्स दुनियाभर से मंगवाते हैं। हालांकि ट्रंप का तर्क है कि इन टैरिफ से अमेरिका में और फैक्ट्रियां खुलेंगी और वह सप्लाई चेन खत्म होगी जिसे वह “बेतुका” मानते हैं—जहां ऑटो पार्ट्स और तैयार वाहन अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको के बीच अलग-अलग स्थानों पर बनाए जाते हैं।