पिछले चार कारोबारी सत्रों के दौरान टाटा मोटर्स के शेयर में 8.4 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी की ब्रिटिश सहायक इकाई जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) पर मांग संबंधित दबाव का भी इस शेयर पर असर पड़ा है। बुधवार को यह शेयर बीएसई पर 0.73 फीसदी गिरकर 670 रुपये पर बंद हुआ। चुनौतियों को देखते हुए कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए अपना मार्जिन अनुमान घटा दिया है। लिहाजा, कई ब्रोकरेज फर्मों ने शेयर को डाउनग्रेड किया है।
कंपनी ने एबिटा मार्जिन अनुमान को 10 प्रतिशत से घटाकर 5-7 प्रतिशत के दायरे में किया है। यह संशोधन व्यापक आर्थिक और उद्योग-आधारित दबाव को दर्शाता है, जिसमें अमेरिकी टैरिफ व्यवस्था का नया ढांचा, इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना और चीन में कमजोर मांग का दृष्टिकोण शामिल है। कंपनी ने कमजोर अमेरिकी डॉलर की कमजोरी की वजह से विदेशी मुद्रा के नुकसान से जुड़े जोखिमों के बारे में भी बताया है। साथ ही क्षेत्र-विशिष्ट उत्पाद आवश्यकताओं के कारण जरूरी ऊंचे पूंजी खर्च का भी दबाव बढ़ा है।
मुक्त नकदी प्रवाह (एफसीएफ) के मामले में भी जेएलआर का वित्तीय परिदृश्य धीमा पड़ा है। वित्त वर्ष 2024 में 2.3 अरब पाउंड और वित्त वर्ष 2025 में 1.5 अरब पाउंड कमाने के बाद कंपनी को अब वित्त वर्ष 2026 में एफसीएफ लगभग शून्य रहने की उम्मीद है। वहीं वित्त वर्ष 2027 और 2028 में सुधार की उम्मीद है, क्योंकि नए मॉडलों की बिक्री में तेजी से मदद मिल सकती है।
जेएलआर ने वित्त वर्ष 2024-28 के दौरान 18 अरब पाउंड के अपने पूंजीगत निवेश की योजना की पुष्टि की है। इसमें वित्त वर्ष 2026 में 3.5 अरब पाउंड का खर्च भी शामिल है जिसका इंतजाम आंतरिक नकदी से किया जाएगा। वित्त वर्ष 2025 के अंत तक जेएलआर के पास 27.8 करोड़ पाउंड की शुद्ध नकदी थी।
अमेरिकी बाजार में जेएलआर की वित्त वर्ष 2025 की बिक्री का 30 प्रतिशत हिस्सा था। लेकिन मौजूदा 27.5 प्रतिशत आयात टैरिफ के कारण अब यह एक बड़ी चुनौती है। आईआईएफएल रिसर्च के विश्लेषकों जोसेफ जॉर्ज और अंकित रूपारेल ने वित्त वर्ष 2026 में जेएलआर के लिए बिक्री में 6 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है। मार्जिन दबाव की वजह से आय में 25-30 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।