सोमवार को शेयर बाजार में आई तेजी साल 2019 जैसी ही थी। एक्जिट पोल पर प्रतिक्रिया जताते हुए बेंचमार्क सेंसेक्स (Sensex) 20 मई, 2019 को 3.8 फीसदी उछला था। तब एक्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को दूसरा कार्यकाल मिलने और भाजपा (BJP) की अगुआई वाले राजग को 287 से 306 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई थी।
राजग (NDA) इस अनुमान के पार चला गया था और अकेले भाजपा को 303 सीटें मिली थी और राजग के खाते में 350 से ज्यादा सीटें थीं। हालांकि वास्तविक नतीजे के बाद सेंसेक्स 23 मई, 2019 के कारोबारी सत्र के दौरान 2.6 फीसदी तक चढ़ गया था, लेकिन मुनाफावसूली के कारण अंत में 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ था।
इस बार सेंसेक्स चुनाव नतीजे से पहले 3.4 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ और एक्जिट पोल में भाजपा को 303 से ज्यादा सीटें मिलने का संकेत मिला है।
यह देखना अभी बाकी है कि नतीजे के दिन बाजारों की चाल कैसी रहती है। अगर अंतिम नतीजे अनुमान के मुताबिक रहे तो विशेषज्ञों का कहना है कि उल्लास का मौजूदा माहौल कुछ और समय बना रह सकता है जब तक कि मूल्यांकन व आय पर ध्यान केंद्रित न हो जाए।
इलारा कैपिटल की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यदि मंगलवार को निर्णायक आंकड़े एग्जिट पोल में की गई भविष्यवाणी के अनुरूप रहे तो बाजार में थोड़ी तेजी आ सकती है। बाजार निर्णायक आंकड़ों को लेकर थोड़ा आशंकित बना हुआ था। चुनाव से पहले अपनी पोजीशन घटाने वाले कारोबारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) लॉन्ग की रणनीति पर जोर देंगे, जिससे इस सप्ताह के दौरान बाजार को ताकत मिलेगी।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ‘चुनाव परिणामों के शुरुआती जश्न के बाद बाजार में संभावित रूप से मुनाफावसूली देखी जा सकती है।’
नोमुरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अनुकूल परिणाम से एफपीआई निवेश मजबूत बना सकता है, क्योंकि मौजूदा सरकार के पुन: सत्ता में आने से नीतिगत निरंतरता बनी रहेगी। एफपीआई निवेश अप्रैल से कमजोर बना हुआ है। भारत में एफपीआई शेयरधारिता कोविड से पहले 19.8 प्रतिशत थी जो अब घटकर 15.6 प्रतिशत रह गई है। हमारा मानना है कि निवेशक भारतीय आम चुनावों से जुड़ी अनिश्चितता को लेकर चिंतित रहते हैं। घरेलू प्रवाह स्थिर बना हुआ है। इक्विटी कराधान में कोई विपरीत बदलाव अल्पावधि में बाजार के लिए जोखिम साबित होगा।’
विश्लेषकों का कहना है कि यदि भाजपा (BJP) को इस बार 2019 के चुनाव से कम सीटें मिलती हैं तो बाजार निराश हो सकता है और बड़ी बिकवाली देखी जा सकती है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि हालांकि राजनीतिक स्थायित्व और नीतिगत निरंतरता से भारत ‘अच्छे दौर’ की ओर बढ़ सकता है।
उसने कहा है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के अच्छे दौर में है और अस्थिर वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में हालात मजबूत बने हुए हैं। राजनीतिक स्थिरता और नीतिगत निरंतरता की इस उम्मीद के साथ, आने वाले वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाएं मजबूत और अधिक आशाजनक दिख रही हैं। हम यह भी मानते हैं कि मौजूदा मैक्रो चक्र की निरंतरता के लिए नीतिगत निरंतरता एक महत्वपूर्ण तत्व है।’
वर्ष 1999 से, सेंसेक्स में लोक सभा चुनाव परिणाम के दिन औसतन 5 प्रतिशत का उतार-चढ़ाव देखा गया है। इसका कारण एग्जिट पोल का खराब ट्रैक रिकॉर्ड भी है।
हालांकि अतीत में एग्जिट पोल ने आम चुनाव के नतीजों की सही भविष्यवाणी की है, लेकिन वे किसी पार्टी या गठबंधन को मिलने वाली सीटों की संख्या का सटीक अनुमान लगाने में विफल रहे हैं।
उदाहरण के लिए, 2014 में, एग्जिट पोल में राजग के सत्ता में आने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन कई सर्वेक्षण राजग-भाजपा के लिए शानदार जीत का अंदाजा लगाने में विफल रहे थे।