Stocks To Buy: भारतीय शेयर बाजारों में लगभग चार महीनों की तेजी के बाद जुलाई और अगस्त में कुछ गिरावट देखने को मिली। हालांकि, सितंबर 2025 की शुरुआत सरकार के जीएसटी रिफॉर्म से जुड़े सुधारों की घोषणा के साथ सकारात्मक रही। पिछले 4-6 तिमाहियों में उपभोग के रुझान स्पष्ट रूप से सुस्त रहे हैं। इसका कारण उच्च महंगाई, शहरी मांग में गिरावट और कर्ज की धीमी वृद्धि जैसे कई कारक रहे हैं। अब जीएसटी 2.0 के साथ, कंजम्प्शन आधारित ग्रोथ की एक नई संभावना खुल रही है। इससे अर्थव्यवस्था में कई तरह के प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
एक्सिस सिक्योरिटीज की अक्टूबर महीने की रिपोर्ट के अनुसार, इस सकारात्मक पहल के बावजूद बाजार में मजबूती नहीं दिखी। इसके पीछे कई कारण रहे। सबसे पहले, जीएसटी 2.0 का वास्तविक प्रभाव वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही (H2FY26) में ही देखने को मिलने की संभावना है। इसके अलावा, भारतीय मुद्रा में गिरावट ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया। अमेरिका की नीतियों में अनिश्चितता भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी रही। जीएसटी दरों में कटौती के कारण तत्काल तिमाही में स्टॉक ओवरहैंग की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे मांग पर असर पड़ा।
ब्रोकरेज ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने बाजार पर नकारात्मक दबाव डाला। इसके अलावा कंपनियों की कमाई में सुधार की संभावना अभी भी एक तिमाही दूर मानी जा रही है। इससे निवेशकों का भरोसा पूरी तरह बहाल नहीं हो पाया है।
इस बीच, ब्रोकरेज ने लॉन्ग टर्म लिहाज से इन 15 स्टॉक्स को खरीदने की सलाह दी है। ब्रोकरेज ने कहा कि रिस्क-रिवॉर्ड का संतुलन धीरे-धीरे मिड और स्मॉल कैप्स की ओर बढ़ रहा है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025-26 तक सुधार धीमा और धीरे-धीरे होगा। इसका नेतृत्व कंपनियों की इनकम मजबूत रहने की उम्मीद, घरेलू लिक्विडिटी में सुधार और स्थिर भारतीय मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति करेगी। हमारा मानना है कि बाजार को ठोस वृद्धि की दिशा में कदम रखने से पहले अगले कुछ महीनों तक सुचारू रूप से चलना होगा। इस वजह से, हम शॉर्ट टर्म में बाजार में कंसोलिडेशन की उम्मीद करते हैं। हमारा फोकस ‘उचित वैल्यू पर ग्रोथ’, क्वालिटी’ वाले स्टॉक्स, एकाधिकार वाली कंपनियां, अपने-अपने क्षेत्र की प्रमुख और घरेलू फोकस वाले सेक्टर और स्टॉक्स पर बना रहेगा। हमें विश्वास है कि ये शॉर्ट टेरेम में बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
श्रेणी | कंपनी का नाम | सेक्टर | शेयर मूल्य (₹) | टारगेट प्राइस | अपसाइड (%) | 12M PE | 12M P/BV | डिविडेंड यील्ड | 1M रिटर्न | 3M रिटर्न | 6M रिटर्न | YTD रिटर्न |
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लार्ज कैप | बजाज फाइनेंस लिमिटेड | फाइनेंशियल | 999 | 1100 | 10% | 30.4 | 5.5 | 0.4% | 13.8% | 6.7% | 12.4% | 47.3% |
लार्ज कैप | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | फाइनेंशियल | 872 | 1025 | 17% | 10.5 | 1.5 | 1.8% | 8.7% | 6.4% | 15.4% | 12.0% |
लार्ज कैप | एचडीएफसी बैंक | फाइनेंशियल | 951 | 1150 | 21% | 18.8 | 2.6 | 1.2% | -0.1% | -4.7% | 5.4% | 8.7% |
लार्ज कैप | भारती एयरटेल | कम्युनिकेशन सर्विसेस | 1878 | 2300 | 22% | 38.9 | 8.2 | 0.9% | -0.6% | -5.7% | 9.3% | 19.3% |
लार्ज कैप | श्रीराम फाइनेंस | फाइनेंशियल | 616 | 750 | 22% | 12.2 | 1.8 | 1.3% | 6.2% | -12.4% | -5.7% | 7.6% |
लार्ज कैप | एवेन्यू सुपरमार्ट्स | उपभोक्ता स्टेपल्स | 4475 | 5280 | 18% | 91.7 | 11.7 | NA | -5.9% | 2.4% | 9.6% | 25.6% |
लार्ज कैप | लुपिन | हेल्थ केयर | 1911 | 2400 | 26% | 21.3 | 4.2 | 0.6% | 0.9% | -0.8% | -5.2% | -18.4% |
लार्ज कैप | मैक्स हेल्थकेयर | हेल्थ केयर | 1115 | 1450 | 30% | 61.0 | 9.0 | 0.1% | -3.4% | -12.5% | 1.7% | -1.1% |
मिड कैप | हीरो मोटोकॉर्प | उपभोक्ता विवेकाधीन | 5473 | 6245 | 14% | 22.1 | 5.1 | 3.0% | 7.6% | 31.1% | 49.2% | 36.8% |
मिड कैप | प्रेस्टीज एस्टेट्स | रियल एस्टेट | 1510 | 2000 | 32% | 47.3 | 3.8 | 0.1% | -3.2% | -8.8% | 27.6% | -10.8% |
मिड कैप | APL अपोलो ट्यूब्स | सामग्री | 1686 | 1950 | 16% | 41.7 | 9.1 | 0.3% | 5.1% | -2.7% | 10.9% | 7.9% |
स्मॉल कैप | महानगर गैस | यूटिलिटीज़ | 1295 | 1540 | 19% | 11.7 | 1.9 | 2.3% | 3.5% | -11.5% | -5.3% | 3.1% |
स्मॉल कैप | किर्लोस्कर ब्रदर्स | औद्योगिक | 1930 | 2330 | 21% | 32.3 | 6.1 | 0.4% | -0.6% | -17.9% | 13.1% | -6.2% |
स्मॉल कैप | सैंसेरा इंजीनियरिंग | उपभोक्ता विवेकाधीन | 1372 | 1580 | 15% | 29.6 | 2.8 | 0.2% | 8.3% | -0.3% | 13.0% | -7.7% |
स्मॉल कैप | कल्पतरु प्रोजेक्ट्स | औद्योगिक | 1253 | 1470 | 17% | 22.5 | 2.9 | 0.7% | 0.3% | 2.1% | 29.6% | -2.7% |
स्रोत: कंपनी, एक्सिस सिक्योरिटीज़, 30 सितंबर 2025 के अनुसार चालू बाजार मूल्य (CMP); सभी लक्ष्य मूल्य एक वर्ष से अधिक की निवेश अवधि के लिए हैं।