Stock Market Closing Bell Thursday, May 22, 2025: वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार (22 मई) को गिरावट में बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL), एचडीएफ़सी बैंक इन्फोसिस जैसे भारी भरकम वजन वाले शेयरों में गिरावट का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स को नीचे खींचने में सबसे बड़ा रोल रहा। वहीं, ऑटो और कंज्यूमर गुड्स कंपनियों के शेयरों में गिरावट सबसे अधिक रही। हालांकि, एक समय इंडेक्स 1.25% तक गिर गए थे। लेकिन अंत में बाजार में कुछ रिकवरी देखने को मिली।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 270 अंक से ज्यादा की गिरावट लेकर 81,323 पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 80,489.92 अंक तक फिसल गया था। अंत में सेंसेक्स 644.64 अंक या 0.79% की गिरावट लेकर 80,951.99 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की 5 कंपनियों को छोड़ सभी शेयर लाल निशान में बंद हुए।
इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट के साथ 24,733.95 अंक पर ओपन हुआ। बाद में इसमें गिरावट बढ़ गई और कारोबार के दौरान यह 24,462.40 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 203.75 अंक या 0.82 फीसदी गिरकर 24,609.70 पर बंद हुआ।
1. एशियाई बाजारों में गुरुवार को गिरावट देखी गई। वॉल स्ट्रीट पर बुधवार को गिरावट के बाद निवेशकों ने अमेरिका में बढ़ती फिस्कल चिंताओं के कारण सतर्कता बरती। जापान का निक्केई 0.7 प्रतिशत से अधिक नीचे था। जबकि टॉपिक्स 0.5 प्रतिशत नीचे था। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.1 प्रतिशत गिरा और ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 0.4 प्रतिशत नीचे था।
वॉल स्ट्रीट पर सभी तीन प्रमुख इंडेक्स कम होकर बंद हुए। निवेशकों ने ट्रेजरी यील्ड में उछाल पर नेगेटिव प्रतिक्रिया व्यक्त की। यह इस चिंता से प्रेरित थी कि एक नया अमेरिकी बजट बिल देश के पहले से ही बड़े घाटे पर और दबाव डालेगा।
2. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ ने चेतावनी दी है कि अमेरिका अत्यधिक बड़े वित्तीय घाटे (फिस्कल डेफिसिट) चला रहा है और उसे अपने लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। यह बयान उन्होंने द फाइनेंशियल टाइम्स को बुधवार को दिए एक इंटरव्यू में दिया।
3. निफ्टी मीडिया को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशाम में थे। निफ्टी ऑटो सबसे अधिक 1.4 प्रतिशत नीचे रहा। इसके बाद निफ्टी एफएमसीजी और आईटी में क्रमशः 1.27 प्रतिशत और 1.11 प्रतिशत की गिरावट आई। फार्मा, पीएसयू बैंक, निजी बैंक, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और तेल एवं गैस सहित अन्य सेक्टरों में भी 0.5 से 1 प्रतिशत की गिरावट आई।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी रणनीतिकार क्रांती बाथिनी ने बताया कि बाजार में गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों में कमजोरी के कारण है। इसके अलावा अमेरिकी ऋण को लेकर चिंताएं हैं, जिसका अन्य अर्थव्यवस्थाओं पर भी असर पड़ सकता है। पिछले महीने की तेजी के बाद स्वाभाविक सुधार – ये सभी मिलकर मौजूदा गिरावट के पीछे मुख्य कारण हैं।
इससे पहले बुधवार को बाजार चढ़कर बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स यह 410.19 अंक या 0.51% की बढ़त लेकर 81,596.63 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 में भी मजबूती आई और यह 129.55 अंक या 0.52% की मजबूती के साथ 24,813.45 पर क्लोज हुआ। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल के शेयरों में तेजी के चलते बाजार बढ़त में बंद हुआ। हालांकि, विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली ने बाजार में तेजी को कम कर दिया।
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एशियाई बाजारों में गुरुवार को गिरावट आई। यह गुरवत वॉल स्ट्रीट में कमजोरी के चलते आई। वहीं, अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में तेज वृद्धि ने देश के बढ़ते बजट घाटे को लेकर चिंताओं को फिर से जगा दिया है।खबर लिखने के समय जापान का निक्केई इंडेक्स 0.5 प्रतिशत नीचे था, जबकि टॉपिक्स इंडेक्स 0.3 प्रतिशत गिरावट में था। कोस्पी में 0.59 प्रतिशत और एएसएक्स 200 में 0.36 प्रतिशत की गिरावट आई।
अमेरिकी इक्विटी बाजार में बुधवार को बिकवाली के सेंटीमेंट्स ने भारी नुकसान पहुंचाया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 1.91 प्रतिशत की गिरावट आई। एसएंडपी 500 में 1.61 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक कंपोजिट में 1.41 प्रतिशत की गिरावट आई।
निवेश सलाहकार वैभव पोरवाल का सुझाव है कि निवेशकों को 2 से 3 साल की अवधि वाले बॉन्ड्स में निवेश कर स्थिर रिटर्न हासिल करना चाहिए। फिक्स्ड इनकम इस समय आकर्षक रिटर्न दे रहा है, और सोने को पोर्टफोलियो में 8-10% तक शामिल करना चाहिए। साथ ही वे इक्विटी में लार्ज-कैप स्टॉक्स पर फोकस बनाए रखने की सलाह दी है।
कोटक सिक्योरिटीज़ के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान का भी मानना है कि बाजार में गिरावट के समय अच्छी कंपनियों में निवेश करना समझदारी होगी। उन्होंने कहा, “इस समय निवेशकों को बड़ी बैंकों, फाइनेंशियल कंपनियों और पूंजी बाजार से जुड़े स्टॉक्स पर ध्यान देना चाहिए।”